उत्तरकाशी का झाला गांव: युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया

saurabh pandey
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उत्तरकाशी: चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी जिले के झाला गांव में युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यहां के युवा प्रतिदिन दो घंटे सफाई अभियान चलाते हैं, जिसमें वे गांव के सभी 140 घरों और बाजारों से कूड़ा एकत्र कर एक कलेक्शन सेंटर भेजते हैं। इस अभियान में विशेष ध्यान प्लास्टिक युक्त अकार्बनिक कचरे पर दिया जाता है।

जुलाई की शुरुआत से अब तक, युवाओं ने 22 बैग प्लास्टिक कचरा एकत्र किया है। वे गांव के प्रत्येक घर, दुकान और होटल में जाकर लोगों को कूड़ा अलग-अलग थैलों में इकट्ठा करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। इस पहल से कूड़ा संग्रहण केंद्र तक पहुंचाना आसान हो गया है और स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है।

जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 70 किलोमीटर दूर बसे झाला गांव की साफ-सफाई अब पर्यटकों और अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गई है। गांव की सड़कें, घर, आंगन और गलियां पूरी तरह कूड़ा मुक्त हैं। इस गांव को पॉलीथिन मुक्त गांव बनने की श्रेणी में पहले पायदान पर रखा गया है। यह सब कुछ गांव के युवा मंगल दल के अध्यक्ष अभिषेक रौतेला और उनकी टीम के प्रयासों से संभव हो पाया है। अभिषेक के नेतृत्व में उपाध्यक्ष अभिराज रौतेला, प्रियांशु रौतेला, अमित शाह, प्रवेश रौतेला और कोषाध्यक्ष सूरज रौतेला समेत 19 अन्य युवा भी इस स्वच्छता अभियान में शामिल हुए हैं। उन्होंने इसे ‘थैंक्यू नेचर कैंपेन’ का नाम दिया है।

इस अभियान में गांव की प्रधान सुरजा देवी और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तनुजा उनियाल भी शामिल हैं। महिला ग्रामीणों और व्यापारियों ने प्लास्टिक कचरे को जमा करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें रैपर, प्लास्टिक की बोतलें और अन्य प्लास्टिक सामग्री शामिल हैं। जय किशन, मुख्य विकास अधिकारी, उत्तरकाशी ने बताया कि इस पहल को अन्य गांवों में भी लागू किया जाएगा और स्वच्छता को बढ़ावा देने वाले ग्रामीणों और संगठनों को पूरा सहयोग दिया जाएगा।

इसके साथ ही, सोमेश्वर ग्राम संगठन और स्वयं सहायता समूह के 25 से अधिक महिलाएं सेब का जैम, सेब की चटनी, सेब का सिरका और सीथॉर्न स्क्वैश तैयार कर रही हैं, जो चारधाम यात्रा मार्ग पर बेचे जा रहे हैं। इस प्रयास को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा सराहा गया है और धन्यवाद पत्र प्राप्त हुआ है।

जिंदगी के लिए स्वच्छता की यह पहल ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, जो उत्तरकाशी के अन्य हिस्सों में भी फैलने की उम्मीद है।

Source and data – दैनिक जागरण

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