यमुना की सहायक नदियों के किनारे बसे लोग झेल रहे संकट, फिर भी दे रहे दिल्ली को पानी

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कुछ साल से दिल्ली में पेयजल संकट को लेकर चर्चा हो रही है। पानी को लेकर दिल्ली की निगाहें हिमाचल पर टिकी हैं। कुछ दिनों से भी इस मामले में हलचल है। दिल्ली प्यास बुझाने के लिए हिमाचल से पानी की मांग कर रहा है। हिमाचल सरकार ने साफ किया कि सिरमौर की तरफ से बहने वाली यमुना नदी से हिमाचल पानी नहीं रोक रहा है और हिमाचल से 137 क्यूसेक पानी हरियाणा की तरफ जा रहा है। इन दिनों भीषण गर्मी के चलते हिमाचल में भी पानी का संकट है।

पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी के चलते योजनाओं का जल स्तर गिरा है। ऐसे में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है और कई कई किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोतों का सहारा पानी के लिए लेना पड़ रहा है।

यमुना पर नहीं कोई योजना : जल शक्ति विभाग के अनुसार फिलहाल अभी यमुना पर किसी तरह की कोई पेयजल या सिंचाई योजना नहीं है। लेकिन यमुना की सहायक नदियों गिरि, टोंस और टॉम्स पर स्थित पेयजल योजनाओं हजारों की आबादी के हालात तर कर रही हैं, तो वहीं सिंचाई योजनाएं किसानों के लिए वरदान बनी हैं। उत्तराखंड क्षेत्र में यमुना नदी पांवटा साहिब के खास माजरी में प्रवेश करती है। यहां पौंटा के दौरान यमुना में भी पानी कम हो होने से सहायक नदियों गिरि, टोंस व टॉम्स में के वल जल स्तर बढ़ता है।

सहायक नदियों पर 361 पेयजल योजनाएं

विभाग के अनुसार यमुना की सहायक नदियों गिरि, टोंस व टॉम्स पर सीधे तौर पर इनकी सहायक घाटियों पर 361 पेयजल योजनाएं स्थापित की गई हैं। यह योजनाएं शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों की आबादी की प्यास बुझाती हैं।

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