चिंताजनक: धूम्रपान करने वाली माताओं से जन्मे बच्चों के फेफड़े छोटे हो सकते हैं:डब्ल्यूएचओ

saurabh pandey
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गर्भवती महिलाओं के लिए धूम्रपान एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है, जिसका असर उनके नवजात बच्चों पर भी पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में जारी किए गए ज्ञान सारांश में बताया है कि धूम्रपान करने वाली माताओं से जन्मे बच्चों के फेफड़े छोटे हो सकते हैं, और उन्हें बचपन में अस्थमा का खतरा अधिक होता है।

धूम्रपान और श्वसन स्वास्थ्य

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गर्भवती महिलाओं और माता-पिता को अपने बच्चों को अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए तंबाकू का सेवन छोड़ देना चाहिए। किशोरावस्था और वयस्कता में धूम्रपान करने से अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है और उपचार की प्रभावशीलता कम हो जाती है। खासकर, धूम्रपान करने वाली माताओं में अस्थमा के मामलों में वृद्धि देखी जाती है।

ई-सिगरेट का खतरा

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि ई-सिगरेट का उपयोग पारंपरिक तंबाकू उत्पादों की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है। एजेंसी ने सरकारों से आग्रह किया है कि वे ऐसी नीतियां लागू करें जो सभी सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों को पूरी तरह से धूम्रपान मुक्त बनाएं।

जागरूकता की आवश्यकता

धूम्रपान और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए, खासकर गर्भवती महिलाओं के बीच। इससे पीड़ित बच्चों को जीवन भर फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उनकी सहनशक्ति पर असर पड़ता है और उनकी जीवन प्रत्याशा भी कम हो जाती है।

अस्थमा का वैश्विक प्रभाव

अस्थमा एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है, जो हर साल दुनिया भर में लगभग 262 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है और 455,000 मौतों का कारण बनती है। डब्ल्यूएचओ का यह सारांश तंबाकू के उपयोग और अस्थमा के बीच महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करता है और तंबाकू नियंत्रण उपायों की आवश्यकता पर जोर देता है।

धूम्रपान, विशेषकर गर्भावस्था के दौरान, नवजात बच्चों के श्वसन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। डब्ल्यूएचओ के ज्ञान सारांश के अनुसार, गर्भवती माताओं द्वारा धूम्रपान करने से बच्चों के फेफड़े छोटे हो सकते हैं और वे अस्थमा जैसे श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। ई-सिगरेट का उपयोग भी पारंपरिक तंबाकू उत्पादों के समान ही खतरनाक हो सकता है।

अस्थमा एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है और कई मौतों का कारण बनती है। इससे पीड़ित बच्चों को जीवन भर श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी जीवन प्रत्याशा भी प्रभावित होती है। सरकारों को ऐसे नीतिगत कदम उठाने की आवश्यकता है जो सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों को पूरी तरह से धूम्रपान मुक्त बनाएं और तंबाकू नियंत्रण के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करें।

Source and data – अमर उजाला

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