मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के नर्मदा किनारे स्थित गांवों में पिछले 15 दिनों से भूगर्भीय हलचल की घटनाएँ बढ़ गई हैं। गांवों में कंपन और विस्फोटों की आवाजें सुनाई दे रही हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने विशेषज्ञों से सलाह ली है, जिन्होंने बताया है कि यह घटनाएँ मानसून के बाद प्लेटों के टकराने के कारण हो रही हैं।
प्रभावित गांव
अकलघरा, किलोदा, कोसरिया, अट्ठा, सिसखड़ी और मनखड़ा जैसे गांवों में इन हलचलों की सूचना मिली है। 30 अक्टूबर की शाम को तेज धमाके की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच के लिए टीम भेजी। उपजिला मजिस्ट्रेट सीजी गोस्वामी के अनुसार, कुछ घरों में बर्तन गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसे भूकंप नहीं बल्कि भूगर्भीय हलचल करार दिया है।
पिछले अनुभव
इससे पहले, तीन साल पहले 2021 में भी नर्मदा किनारे ऐसी घटनाएं हुई थीं, जिसके कारण कई घरों की दीवारों में दरारें आई थीं। उस समय भी भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के विशेषज्ञों ने इस हलचल का कारण मानसून के बाद बढ़ते भूजल स्तर से बने दबाव को बताया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि गर्मी के दौरान भूजल स्तर गिरने पर हवा का दबाव बढ़ता है, जो मानसून के समय में विस्फोट का कारण बनता है।
स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय निवासियों में इस भूगर्भीय हलचल को लेकर चिंता का माहौल है। लोगों को प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की घटना के समय सावधानी बरतें। विशेषज्ञों का कहना है कि इन हलचलों का कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
मध्य प्रदेश में नर्मदा किनारे की इस भूगर्भीय हलचल ने स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया है। जबकि प्रशासन और विशेषज्ञ इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, यह महत्वपूर्ण है कि लोग सही जानकारी के साथ सुरक्षित रहें और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचें। हालात को समझते हुए, सभी को उचित कदम उठाने की सलाह दी जाती है।
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में नर्मदा किनारे की भूगर्भीय हलचल ने स्थानीय निवासियों में चिंता पैदा कर दी है। प्रशासन और विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाएँ प्राकृतिक प्रक्रियाओं का परिणाम हैं, जो मानसून के बाद भूजल स्तर में परिवर्तन के कारण होती हैं। जबकि भूगर्भीय हलचलें सामान्यतः भूकंप के समान नहीं होती हैं, फिर भी सतर्क रहना आवश्यक है। स्थानीय लोगों को प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनियों का पालन करना चाहिए और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए तैयार रहना चाहिए। उचित जानकारी और सावधानी बरतने से इन परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी, और स्थानीय समुदाय को सुरक्षित रखने में योगदान दिया जाएगा।