भारत में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले पर्यावरण रक्षकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन इसके साथ ही उनकी जान की कीमत भी चुकानी पड़ रही है। 2012 से लेकर अब तक 86 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हो चुकी है, जो कि एक चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह आंकड़े बताते हैं कि हमारे समाज में उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो पूरी मानवता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हालिया घटनाएं
2023 में नल्ला रामकृष्णई, सिंधु मुंडा, शशिकांत वरिशे, वसीम सज्जाद और महम्मद हारून जैसे पांच पर्यावरण रक्षकों ने अपनी जान गंवाई। ये वे लोग थे जिन्होंने अपने जीवन को पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित किया था।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
भारत में पर्यावरण रक्षकों की हत्याओं का यह सिलसिला केवल स्थानीय स्तर पर नहीं है। 2023 में दुनिया भर में 196 पर्यावरण रक्षकों को उनकी सक्रियता के कारण मारा गया, जिसका मतलब है कि लगभग हर दूसरे दिन कोई न कोई कार्यकर्ता अपने जीवन की आहुति दे रहा है। ग्लोबल विटनेस की रिपोर्ट ‘मिसिंग वॉइसेस’ के अनुसार, 2012 से अब तक 2,106 पर्यावरण रक्षकों की हत्या की जा चुकी है।
कोलंबिया: सबसे खतरनाक देश
इस संदर्भ में कोलंबिया सबसे खतरनाक देश माना जा रहा है, जहां 2022 में 60 और 2021 में 33 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हुई। 2012 से 2023 के बीच कुल 461 कार्यकर्ताओं की हत्या के साथ, कोलंबिया ने इस काले रिकॉर्ड में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
अन्य देश
दक्षिण अमेरिका के अन्य खतरनाक देशों में ब्राजील, मैक्सिको और होंडुरास शामिल हैं। 2023 में ब्राजील में 25 और मैक्सिको एवं होंडुरास में 18-18 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हुई। यह स्थिति दर्शाती है कि पर्यावरण की रक्षा करने वाले कार्यकर्ताओं की जान को गंभीर खतरा है।
ये आंकड़े हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि पर्यावरण रक्षकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और उनकी आवाज़ को सुनना कितना आवश्यक है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनकी संघर्ष को समझें और उन्हें समर्थन दें, ताकि वे अपने प्रयासों को जारी रख सकें। पर्यावरण की रक्षा के लिए दी जाने वाली जानें न केवल इन कार्यकर्ताओं की व्यक्तिगत हानि हैं, बल्कि यह मानवता के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
पर्यावरण रक्षकों की सुरक्षा और उनकी आवाज़ को सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी जान की कीमत पर हमारी पृथ्वी और उसके संसाधनों की रक्षा करना एक गंभीर चिंता का विषय है। जब लोग अपने जीवन को खतरे में डालकर पर्यावरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो हमें उनकी सराहना और समर्थन करना चाहिए।
हमें मिलकर उन नीतियों और उपायों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जो पर्यावरण रक्षकों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें और उन्हें अपने काम को स्वतंत्रता से करने की अनुमति दें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस दिशा में कदम उठाएं ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण का निर्माण हो सके। पर्यावरण की रक्षा करना केवल एक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह मानवता के अस्तित्व के लिए एक आवश्यकता है।
source- down to earth