अफ्रीका में जल संकट: पानी होने के बावजूद प्यासा क्यों है अफ्रीका?

saurabh pandey
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अफ्रीका का जल संकट एक विकट और व्यापक समस्या बन चुका है। हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट और डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “स्टेट ऑफ अफ्रीका एनवायरमेंट 2024” ने इस संकट को और उजागर किया है। अफ्रीका में विश्व की 22% आबादी पानी की कमी से जूझ रही है, जबकि यहाँ जल संसाधनों की कोई कमी नहीं है।

अफ्रीका के सबसे जल-समृद्ध देशों में से एक, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, में भी जल संकट विकराल रूप ले चुका है। इस देश में मौजूद विश्व के 50% सतही जल के बावजूद लोग पानी के लिए मीलों का सफर तय करते हैं। विशेष रूप से महिलाएं और लड़कियां अपने दिन का एक बड़ा हिस्सा पानी लाने में बिताती हैं, जो उनकी शिक्षा और सामाजिक विकास में बाधा बनता है।

अफ्रीका की जल संसाधनों की स्थिति

अफ्रीका की नदियाँ, झीलें और आर्द्रभूमियाँ मिलकर विशाल जल भंडार प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, अफ्रीका की नील नदी दुनिया की सबसे लंबी नदी है, और विक्टोरिया झील दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। भूमिगत जलभृत (aquifers) भी प्रचुर मात्रा में हैं, जो सतही जल से 100 गुना ज्यादा पानी समेटे हुए हैं। इसके बावजूद, जल संसाधनों का असमान वितरण, खराब प्रबंधन और आधारभूत संरचना की कमी के चलते अधिकांश अफ्रीकी नागरिक साफ और सुरक्षित पानी तक पहुँच नहीं पा रहे हैं।

जल उपयोग की चुनौतियाँ

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका में जल संकट का समाधान सही नीतियों और संसाधनों के बेहतर उपयोग पर निर्भर करता है। यहाँ पर वर्षा और नवीकरणीय जल का केवल 3.8% हिस्सा ही उपयोग में लाया जाता है, जबकि उत्तरी अफ्रीकी देशों में यह प्रतिशत काफी अधिक है। अफ्रीका में जल की प्रचुरता के बावजूद भी इसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।

जल संकट का प्रभाव

अफ्रीका में जल संकट का असर विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका पर सबसे अधिक दिखाई देता है। इस क्षेत्र में 36% आबादी जल संकट से जूझ रही है। कैमरून और इथियोपिया जैसे देशों में पानी की कमी से जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हो रहा है। इस जल संकट की वजह से न केवल लोगों की जीवनशैली पर असर पड़ रहा है, बल्कि यह स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विकास में भी बड़ी रुकावट पैदा कर रहा है।

समाधान और भविष्य की राह

संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 में प्रकाशित “ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी 2023 असेसमेंट” रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका में जल संकट से निपटने के लिए संसाधनों के उचित प्रबंधन और वितरण पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि केवल प्राकृतिक जल संसाधनों की प्रचुरता जल सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती। इसके लिए सरकारों को जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना होगा।

अफ्रीका में जल संकट की समस्या जटिल है, लेकिन इसका समाधान असंभव नहीं है। सही नीतियों और संसाधनों के समुचित उपयोग से इस समस्या का समाधान संभव है। जल सुरक्षा न केवल अफ्रीका के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके बिना स्थिरता और सामाजिक प्रगति भी मुश्किल होगी। इस संकट से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि अफ्रीका में जल संकट का स्थायी समाधान खोजा जा सके।

अफ्रीका में जल संकट का मुद्दा अत्यधिक गंभीर है, जहाँ प्रचुर जल संसाधनों के बावजूद लाखों लोग साफ और सुरक्षित पानी से वंचित हैं। यह संकट केवल प्राकृतिक संसाधनों की कमी का नहीं, बल्कि जल के असमान वितरण, खराब प्रबंधन और आधारभूत संरचना की कमी का परिणाम है। जल संकट का प्रभाव अफ्रीकी समाज के हर हिस्से पर पड़ता है—स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं के जीवन, और आर्थिक विकास सभी इससे प्रभावित होते हैं।

इस संकट का समाधान जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, और स्थानीय स्तर पर मजबूत जल संरचना के विकास में निहित है। यदि इन पहलुओं पर ध्यान दिया जाए, तो अफ्रीका अपने जल संकट से उबर सकता है और सतत विकास की ओर कदम बढ़ा सकता है।

Source- down to earth

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