जल संकट से जूझ रहे भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में ‘जल संरक्षण, जनभागीदारी’ अभियान का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जल संरक्षण केवल एक नीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक पुण्य और महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जल संकट और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान देश की प्राथमिकताओं में से एक है।
जल संरक्षण के चार मंत्र: रिड्यूस, रीयूज, रिचार्ज, रीसाइकिल
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के लिए चार मंत्रों का उल्लेख किया – रिड्यूस (बर्बादी को कम करना), रीयूज (पानी का दोबारा उपयोग), रिचार्ज (जल स्रोतों को फिर से भरना) और रीसाइकिल (दूषित पानी को फिर से उपयोगी बनाना)। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जल संसाधनों का सही प्रबंधन करना ही आने वाले समय की सबसे बड़ी चुनौती होगी। “पानी केवल एक संसाधन नहीं है, बल्कि जीवन की धुरी है,” पीएम ने कहा।
जल जीवन मिशन की सफलता पर जोर
प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की भी सराहना की, जिसके तहत ग्रामीण भारत के 75% से अधिक घरों में अब नल से पानी पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जल संरक्षण और जल प्रबंधन में सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। इससे पहले, देश के केवल 3 करोड़ घरों में नल से पानी की सुविधा थी, जो अब बढ़कर 15 करोड़ से अधिक हो गई है।
कृषि में पानी की खपत कम करने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि देश का 80% पानी कृषि में उपयोग होता है, जिससे जल संकट बढ़ता है। उन्होंने ड्रिप सिंचाई और जल उपयोग की अन्य स्मार्ट तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया, ताकि कृषि क्षेत्र में पानी की खपत को कम किया जा सके और जल स्रोतों को संरक्षित किया जा सके।
जल संरक्षण: भविष्य की प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां जल के उपयोग और संरक्षण को सबसे पहले देखेगीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जल संरक्षण केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है। जल संरक्षण की यह पहल जल संकट से निपटने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत को एक सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दृष्टिकोण के साथ, जल संरक्षण अब एक राष्ट्रीय अभियान बन चुका है, जिसमें समाज की हर परत की भागीदारी की आवश्यकता है।
जल संरक्षण केवल एक नीति नहीं, बल्कि राष्ट्रव्यापी प्रयास और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया जल संरक्षण अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल वर्तमान जल संकट से निपटने के लिए है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल संसाधन सुनिश्चित करने का भी प्रयास है। रिड्यूस, रीयूज, रिचार्ज और रीसाइकिल जैसे मंत्रों के माध्यम से जल प्रबंधन और जनभागीदारी की जरूरत को बल दिया गया है। यह पहल जलवायु परिवर्तन और जल संकट के प्रभावों को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे भारत एक टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ सकेगा।
Source- dainik jagran