पेरिस में जारी एक नई रिपोर्ट ने बताया है कि वायु प्रदूषण के कारण हर दिन लगभग 2,000 बच्चे पूरी दुनिया में मर रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण अब एक सामान्य बच्चे के लिए मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है। इसके अलावा, 2021 में वायु प्रदूषण से आने वाली मृत्युओं में से 8.1 मिलियन लोगों की जान गई, जो कि विश्व भर में हुई सभी मौतों का लगभग 12 प्रतिशत है।
ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के अनुसार, विशेष रूप से बच्चे वायु प्रदूषण के प्रति संवेदनशील होते हैं और उन्हें इससे होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव से ज्यादा प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वायु प्रदूषण ने पांच साल से कम आयु के लगभग 700,000 बच्चों की मृत्यु में योगदान दिया है, जिनमें से अधिकांश मामलों में अफ्रीका और एशिया सहित विकसित देशों में हुईं।

ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट की ग्लोबल हेल्थ की प्रमुख पल्लवी पंत ने इस बारे में कहा कि वायु प्रदूषण के अस्वस्थ स्तरों में साँस लेने से बच्चों के लिए भयानक प्रभाव पड़ता है, जो उन्हें फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, और मधुमेह जैसी बीमारियों का शिकार बना सकता है। रिपोर्ट ने भी वायु प्रदूषण से जुड़ी मौतों का प्रमुख कारण PM2.5 जैसे छोटे वायुजनित प्रदूषकों को बताया, जिनमें 2.5 माइक्रोमीटर से कम के प्रदूषक शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण से बचाव के लिए साफ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने की आवश्यकता है, जैसे कि शुद्ध चूल्हे और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के तरीके। रिपोर्ट ने सरकारों और संगठनों को भी उसके खिलाफ सकारात्मक कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि वायु प्रदूषण के विशेष रूप से बच्चों पर प्रभाव को कम किया जा सके।
इस रिपोर्ट ने साफ दर्शाया है कि वायु प्रदूषण एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जिसके संभावित समाधान के लिए सरकारी और अजीविका तंत्रों में सुधार की जरूरत है।
सौरभ पाण्डेय
prakritiwad.com
source $ creadit – times of india