हाथियों की सटीक गणना के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान का अनूठा प्रयास

saurabh pandey
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भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) पिछले दो वर्षों से देश के जंगलों में हाथियों की सही संख्या का पता लगाने के लिए एक गहन अध्ययन कर रहा है। संस्थान का उद्देश्य हाथियों की गणना को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाना है। वर्तमान में, हाथियों की गणना कई तरीकों से की जाती है, लेकिन इसके परिणाम हमेशा सटीक नहीं होते हैं। इस असमंजस को दूर करने के लिए WII के वैज्ञानिकों ने 11 विभिन्न तरीकों पर अध्ययन किया है, जो हाथियों की गणना को अधिक सटीक बनाने में सहायक हो सकते हैं।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब के अनुसार, वर्तमान में उपलब्ध गणना विधियों में हाथियों की संख्या में 10% से 55% तक अंतर हो सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि गणना के लिए सबसे सटीक और लागत प्रभावी तरीका चुना जाए। छह महीने के भीतर इस दिशा में अंतिम निर्णय लिया जाएगा और भविष्य में उसी तरीके का उपयोग किया जाएगा।

हाथियों की गणना के 11 नए तरीके

WII के शोधकर्ताओं ने हाथियों की गणना के लिए विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों का परीक्षण किया। इन तरीकों में संसाधन आधारित कैप्चर-मार्क-रिकैप्चर (सीएमआर), स्पेस-टू-इवेंट मॉडल, ग्रुप लिविंग सेंसर आधारित कैमरा, जेनेटिक मार्क रिकैप्चर, लाइन ट्रांसेक्ट डिस्टेंस सैंपलिंग, और कैमरा ट्रैप डिस्टेंस सैंपलिंग जैसी विधियाँ शामिल हैं। इन विधियों से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कौन सा तरीका वास्तविकता के सबसे करीब है और सटीक परिणाम प्रदान कर सकता है।

चीतों के अनुकूलन पर भी हुआ महत्वपूर्ण अध्ययन

भारतीय वन्यजीव संस्थान ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के अनुकूलन पर भी गहन शोध किया है। इस शोध के अनुसार, चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए उनके शिकार के बड़े खुर वाले जानवरों की संख्या में वृद्धि करना आवश्यक है। इसके तहत चीतल, सांभर, चार सींग वाले मृग और नीलगाय जैसे जानवरों की संख्या को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। शोधकर्ताओं के अनुसार, चीते जंगल में लंबी दूरी तय करते हुए भोजन की तलाश करते हैं, और उनके भोजन की उपलब्धता उनके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा हाथियों की सटीक गणना और चीतों के अनुकूलन पर किए जा रहे अध्ययनों ने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाथियों की गणना के लिए नए और वैज्ञानिक तौर पर सटीक विधियों की पहचान से वन्यजीव प्रबंधन को मजबूत करने की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके अलावा, चीतों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और उनके शिकार जानवरों की संख्या बढ़ाने की योजनाएं उनके संरक्षण में मददगार साबित होंगी। WII का यह प्रयास न केवल हाथियों और चीतों की संख्या को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समग्र वन्यजीव संरक्षण के लक्ष्यों की ओर एक महत्वपूर्ण दिशा में आगे बढ़ने का संकेत है।

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