यूरोप और मध्य एशिया में हीट वेव्स से बच्चों पर बढ़ता खतरा: यूनिसेफ की रिपोर्ट

saurabh pandey
4 Min Read

यूरोप और मध्य एशिया में हीट वेव्स और गर्म हवाओं का असर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बच्चों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में 92 मिलियन से अधिक बच्चे हीट वेव्स के प्रभाव में हैं, जो कि इस क्षेत्र की बाल आबादी का आधे से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हर साल हीट वेव्स के कारण 377 बच्चों की जान जा रही है, जिसमें से आधे से अधिक बच्चे अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते।

अत्यधिक गर्मी से बच्चों पर गंभीर प्रभाव

यूनिसेफ की रिपोर्ट, ‘बीट द हीट: चाइल्ड हेल्थ एमिड हीटवेव्स इन यूरोप एंड सेंट्रल एशिया’, में बताया गया है कि अत्यधिक गर्मी और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण बच्चों की मौतें हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गर्मियों में इन मौतों की संख्या सबसे अधिक होती है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं पर भी इस गर्मी का गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिससे समय से पहले जन्म, कम वजन वाले बच्चे, मृत जन्म और जन्मजात विसंगतियों की संभावना बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता संकट

यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक, रेजिना डी डोमिनिकिस का कहना है कि बढ़ते तापमान के कारण छोटे बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं। थोड़े समय के लिए भी अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आना बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस स्थिति को देखते हुए, संबंधित क्षेत्र की सरकारों को तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। यूरोप और मध्य एशिया के देशों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करने और गर्मी से बचाव की कार्ययोजनाओं को लागू करने की आवश्यकता है।

यूरोप में भी बढ़ती गर्मी का असर

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बढ़ती गर्मी का असर केवल भारत जैसे देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि यूरोप में भी बड़े पैमाने पर बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। यूनिसेफ ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे गर्मी से बचाव की कार्ययोजनाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करें, ताकि गर्मी से पीड़ित बच्चों को पर्याप्त सहायता प्रदान की जा सके।

2024 में तापमान वृद्धि के रिकॉर्ड स्तर की आशंका

विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2024 में तापमान में वृद्धि रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगी। इस साल के सभी महीने जलवायु इतिहास में अब तक के सबसे गर्म महीने रहे हैं। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों की ओर इशारा करती है और इसे ध्यान में रखते हुए तत्काल और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

गर्मी की बढ़ती तीव्रता और हीट वेव्स का प्रभाव यूरोप और मध्य एशिया के बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। हर साल 377 बच्चों की मौत अत्यधिक गर्मी के कारण हो रही है, जिसमें ज्यादातर बच्चे अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते। यह स्पष्ट है कि बढ़ती गर्मी और हीट वेव्स केवल भारत जैसे देशों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यूरोप और मध्य एशिया भी इस संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों की सरकारों को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को इस संकट से बचाया जा सके और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके। 2024 में तापमान में रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि होने की आशंका को देखते हुए, हीट वेव्स से निपटने के लिए कार्ययोजनाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करना अत्यंत आवश्यक है।

source – अमर उजाला

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *