संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रशांत द्वीप समूह फोरम में की जलवायु पहल की सराहना, वैश्विक नेतृत्व से लिया अनुकरण का आह्वान

saurabh pandey
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26 अगस्त, 2024 को टोंगा में आयोजित प्रशांत द्वीप समूह फोरम में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रशांत द्वीप देशों के साहसिक और अनुकरणीय कदमों से सीखने का आह्वान किया।

प्रशांत द्वीपों की जलवायु पहल: वैश्विक मिसाल

गुटेरेस ने अपने भाषण में प्रशांत द्वीप समूह की जलवायु आपातकालीन घोषणा, जीवाश्म ईंधन मुक्त भविष्य की आकांक्षाओं, और ब्लू पैसिफिक महाद्वीप के लिए 2050 रणनीति की प्रशंसा की। उन्होंने इसे वैश्विक समुदाय, विशेष रूप से जी20 देशों के लिए एक मिसाल बताया, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। महासचिव ने कहा, “दुनिया को आपके नेतृत्व की जरूरत है,” और प्रशांत द्वीपों के प्रयासों को जलवायु संकट से निपटने का एक प्रभावी मॉडल बताया।

पर्यावरणीय संकट: गुटेरेस की चेतावनी

गुटेरेस ने वर्तमान पर्यावरणीय क्षरण, प्लास्टिक प्रदूषण, महासागर का गर्म होना, और समुद्र स्तर में वृद्धि पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह सब समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर कहर बरपा रहा है, और अगर इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास नहीं किए गए, तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

प्रशांत क्षेत्र की भूमिका और वैश्विक समर्थन की आवश्यकता

गुटेरेस ने प्रशांत के युवाओं की भी सराहना की, जिन्होंने जलवायु निष्क्रियता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए अपना मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया को प्रशांत क्षेत्र की पहलों का समर्थन करना चाहिए और जलवायु संकट से निपटने के उनके प्रयासों में सहयोग देना चाहिए।

महासचिव ने वैश्विक समुदाय से संधारणीय प्रथाओं में तेजी लाने, जलवायु प्रभावों के खिलाफ लचीलापन बढ़ाने और वित्तीय और तकनीकी सहायता की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणालियों में सुधार की मांग की, ताकि छोटे द्वीप विकासशील राज्यों सहित कमजोर देशों के लिए ऋण राहत और सहायता में वृद्धि की जा सके।

वैश्विक नेतृत्व की दिशा में प्रशांत का कदम

गुटेरेस का संदेश स्पष्ट था: जलवायु परिवर्तन से निपटने में प्रशांत द्वीप देशों की पहलें दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। अब समय आ गया है कि वैश्विक नेतृत्व भी इस दिशा में कदम बढ़ाए और प्रशांत द्वीपों के अनुभवों से सीखते हुए एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य के लिए मिलकर काम करे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रशांत द्वीप देशों की जलवायु परिवर्तन से निपटने की साहसिक पहल को वैश्विक नेतृत्व के लिए एक मिसाल बताया है। इन द्वीप देशों ने जलवायु संकट के खिलाफ जिस तरह से ठोस कदम उठाए हैं, वह दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए प्रेरणादायक है। अब समय आ गया है कि वैश्विक शक्तियां इन प्रयासों से सीखें और मिलकर काम करें, ताकि एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य की दिशा में ठोस प्रगति हो सके। जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर चुनौती का सामना करने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने होंगे।

Source- down to earth

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