संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय की ताज़ा रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वन्यजीव अपराध वैश्विक संकट का गंभीर रूप ले चुका है। 2015 से 2021 तक के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि अवैध शिकार और तस्करी ने हजारों पौधों और पशु प्रजातियों को नुकसान पहुँचाया है। रिपोर्ट में दिखाया गया है कि सीआईटीईएस द्वारा सूचीबद्ध प्रजातियां, जो पहले से ही संकट में थीं, अब और अधिक खतरे में हैं।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) ने तीसरी विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट-2024 प्रकाशित की है। वन्यजीव अपराध का प्रभाव केवल पर्यावरणीय नुकसान तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक और आर्थिक लाभों की भी हानि करता है और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को कठिन बना देता है। जब्त की गई वस्तुओं की विशाल संख्या और उनका वजन यह दर्शाता है कि अवैध व्यापार कितनी व्यापक और संगठित है।
यह रिपोर्ट वन्यजीव अपराधों की मौजूदा स्थिति और प्रवृत्तियों का विश्लेषण प्रस्तुत करती है और विशेष रूप से ‘सीआईटीईएस’ (वन्य जीव और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन) के तहत सूचीबद्ध प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित करती है। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि इन प्रजातियों का अवैध व्यापार बढ़ रहा है, जो उनके अस्तित्व को और अधिक खतरे में डाल रहा है।
वन्यजीव अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति
रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2021 के बीच वन्यजीव अपराधों ने लगभग चार हजार पौधे और पशु प्रजातियों को प्रभावित किया है। इनमें से 3250 प्रजातियां पहले से ही ‘सीआईटीईएस’ द्वारा सूचीबद्ध थीं। इसका मतलब है कि इन प्रजातियों का संरक्षण और भी महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि, वन्यजीव अपराधों ने उनकी स्थिति को और अधिक कमजोर बना दिया है, जिससे उनकी संख्या में कमी आने का खतरा है।
वैश्विक दायरा और प्रभाव
चिंताजनक बात यह है कि वन्यजीव अपराध का दायरा दुनिया के 160 से अधिक देशों तक फैल चुका है। अवैध व्यापार की बढ़ती प्रवृत्ति पारिस्थितिकी तंत्र के खराब स्वास्थ्य, जैव विविधता की हानि और आम लोगों को प्रकृति द्वारा प्रदान किए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक लाभों से वंचित करने के लिए जिम्मेदार है।
जब्त की गई सामग्री का विश्लेषण
वर्ष 2015-2021 के बीच वन्यजीवों से संबंधित जब्त की गई सामग्री का विश्लेषण करने पर पता चला कि सात वर्षों के दौरान कुल 1.3 करोड़ वस्तुएं जब्त की गईं, जिनका वजन 16 हजार टन से अधिक है। इसमें गैंडे, पैंगोलिन, हाथी, मगरमच्छ, सांप और कछुए जैसे जानवरों के अंग शामिल हैं। इसके साथ ही, देवदार, शीशम, अगर और नागफनी जैसे पेड़-पौधों को भी जब्त किया गया है।
अवैध वन्यजीव व्यापार के कारण
अवैध वन्यजीव व्यापार मुख्य रूप से भोजन, दवा, विलासिता की वस्तुओं और प्रजनन के उद्देश्य से किया जाता है। यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
वन्यजीवों की भूमिका और महत्व
प्राकृतिक संपदा के संरक्षण में वन्यजीवों की अहम भूमिका होती है। ये न केवल स्वस्थ पर्यावरण को बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि मानव जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विश्वव्यापी प्रयासों की जरूरत है ताकि उनका अस्तित्व और पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखा जा सके।
वन्यजीवों की भूमिका पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन और मानव जीवन की गुणवत्ता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस समस्या से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, सरकारी एजेंसियां, और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। वन्यजीव अपराधों के खिलाफ ठोस और सुसंगठित प्रयास ही प्रकृति के संरक्षण और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
Source- दैनिक जागरण