मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता संभालते हुए कैमरून के पूर्व प्रधानमंत्री फिलेमोन यांग ने दुनिया के देशों से एकजुट होकर जलवायु परिवर्तन, गरीबी, संघर्ष और सशस्त्र हिंसा जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया।
एकजुटता की आवश्यकता
फिलेमोन यांग ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “यह एक संदेह का विषय है कि क्या राष्ट्र इन गंभीर समस्याओं का मिलकर सामना कर सकते हैं, लेकिन हमें यह साबित करना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सबसे प्रभावी साधन है।” यांग ने 2009 से 2019 तक कैमरून के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और अब उन्होंने अपने एक साल के अध्यक्षीय कार्यकाल के लिए विविधता में एकता के सिद्धांतों को अपनाने की बात की है।
शांति और सुरक्षा की प्राथमिकता
यांग ने यह भी स्पष्ट किया कि शांति और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहेंगे। उन्होंने गाजा पट्टी, हैती और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया। उनका कहना है कि इन क्षेत्रों में संघर्ष केवल मानवीय संकट नहीं पैदा कर रहे, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को भी खतरे में डाल रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए आह्वान
इस अवसर पर, डेनिस फ्रांसिस ने भी संयुक्त राष्ट्र से अपने जनादेश को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कठिन संघर्षों को प्राथमिकता देना और उनका समाधान निकालना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जलवायु परिवर्तन और गरीबी के खिलाफ लड़ाई
जलवायु परिवर्तन और गरीबी पर यांग ने कहा कि ये समस्याएँ विश्वभर में व्यापक असर डाल रही हैं। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन केवल पर्यावरण ही नहीं, बल्कि मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी प्रभावित कर रहा है। गरीबी और हिंसा के मुद्दे भी वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरे हैं।
संयुक्त राष्ट्र का मिशन
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस महत्वपूर्ण सत्र में, देशों से अपील की गई है कि वे इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें और आपसी सहयोग को बढ़ावा दें। यांग ने कहा, “यह वक्त की मांग है कि हम एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करें और मानवता के भविष्य को सुरक्षित बनाएं।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, फिलेमोन यांग की अपील वैश्विक स्तर पर एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करती है। शांति, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और गरीबी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की अपील के साथ, यह सत्र वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र में फिलेमोन यांग की अध्यक्षता ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है। जलवायु परिवर्तन, गरीबी, और हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अपील ने विश्व समुदाय को एक नई दिशा दी है। शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ-साथ, यांग की अपील ने यह सिद्ध किया है कि वैश्विक स्थिरता और मानवता के भविष्य के लिए सामूहिक प्रयास और बहुपरकारी सहयोग अनिवार्य हैं। इस सत्र से उम्मीद की जाती है कि यह वैश्विक समुदाय को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करेगा और एक सशक्त और समावेशी भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
Source- dainik jagran