त्रिपुरा बाढ़ आपदा: मुख्यमंत्री ने 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान का किया खुलासा, राहत और पुनर्वास प्रयासों की जानकारी दी

saurabh pandey
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त्रिपुरा में हाल ही में आई बाढ़ ने राज्य को भारी नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बाढ़ के कारण 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर दी गई इस जानकारी में उन्होंने कहा कि नुकसान की सीमा और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि आकलन अभियान अभी भी जारी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक बाढ़ से 24 लोगों की मौत हो चुकी है, दो लोग लापता हैं और दो लोग घायल हुए हैं। अधिकांश मौतें भूस्खलन के कारण हुई हैं, जबकि कुछ मौतें डूबने और घर गिरने के कारण हुई हैं। डॉ. साहा ने बताया कि मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की गई है, और घायलों को 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।

सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए डॉ. साहा ने कहा कि विपक्षी दलों ने सुझाव दिया है कि मृतकों के परिवारों को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए, लेकिन उन्होंने इसे एक तकनीकी मुद्दा बताते हुए मौजूदा नियमों के तहत विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि सभी ने मिलकर समस्याओं के समाधान के लिए सहमति बनाई है।

मुख्यमंत्री ने गोमती नदी के जल स्तर पर चिंता जताई, जहां पानी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण त्रिपुरा जिले में 19 अगस्त से अब तक 493 मिमी बारिश हुई है, जो अभूतपूर्व है। इस स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमें, हेलीकॉप्टर, वायुसेना के जवान और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

राज्य भर में 557 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 1.28 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से लगभग 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बिजली के 1,603 खंभे टूट गए हैं, 501 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे और दो सबस्टेशन नष्ट हो गए हैं। बाढ़ के कारण 2,588 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 2,324 स्थानों पर मलबा साफ किया गया है।

डॉ. साहा ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। खाद्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई जमाखोरी या कृत्रिम कमी का प्रयास करता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। अब तक 20,000 खाद्य पैकेट हेलीकॉप्टरों के माध्यम से संकटग्रस्त लोगों के बीच वितरित किए जा चुके हैं और 700 से अधिक चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।

विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने राहत शिविरों में बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता और पुनर्वास के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने की अपील की है। त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने राज्य, जिला और उपखंड स्तर पर सर्वदलीय समितियों के गठन की मांग की है और केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज के लिए संपर्क करने की सलाह दी है।

इस प्रकार, त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, लेकिन सरकार और विभिन्न संगठनों के प्रयासों से राहत और पुनर्वास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। सभी के सहयोग से इस संकट से उबरने की उम्मीद है, और राज्य के लोगों की जिंदगी को फिर से सामान्य स्थिति में लाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रहेंगे।

Source- down to earth  

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