यमुना के लिए तीन एसटीपी जल्द चालू होंगे

saurabh pandey
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दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना कार्ययोजना 3 के तहत तीन प्रमुख सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के चालू होने की घोषणा की है। इनमें ओखला और कोंडली एसटीपी का काम क्रमश: 96 फीसदी और 98 फीसदी पूरा हो चुका है, जबकि रिठला में एसटीपी बनकर तैयार हो चुका है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से यमुना को स्वच्छ बनाने की मुहिम को नई गति मिलेगी।

यमुना कार्ययोजना 3 के अंतर्गत रिठाला में निर्माणाधीन एसटीपी पूरी तरह से तैयार हो चुका है। ओखला में निर्माणाधीन एशिया के सबसे बड़े एसटीपी का काम महज चार फीसदी बचा है, जबकि कोंडली में एसटीपी का काम दो फीसदी बचा है। दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, ये दोनों प्लांट जल्द तैयार हो जाएंगे। इन तीनों बड़ी परियोजनाओं के पूरा होने से सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे यमुना को स्वच्छ बनाने की मुहिम को गति मिलेगी।

नमामि गंगे परियोजना के तहत केंद्र सरकार ने यमुना कार्ययोजना 3 के लिए 2009 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली में सीवरेज ट्रीटमेंट से जुड़ी 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसमें ओखला, कोंडली और रिठाला एसटीपी भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं को 2022 में पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन निर्माण में देरी के कारण ये परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो सकीं। इन तीनों प्लांट के जरिए सीवरेज के पानी को उच्च गुणवत्ता के साथ ट्रीट किया जा सकेगा, जिससे ट्रीट किए गए पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर और टीएसएस का स्तर 10 मिलीग्राम प्रति लीटर या उससे बेहतर होगा।

केंद्र और दिल्ली सरकार ने जून 2019 में ओखला में 124 एमजीडी (564 एमएलडी) क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का शुभारंभ किया था। यह एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी होगा, जो भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एसटीपी होगा। इस प्लांट में सीवरेज के पानी को शुद्ध करने के लिए अल्ट्रा वायलेट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस प्लांट की प्राथमिक शुद्धिकरण इकाई के टैंक को गोलाकार की जगह आयताकार बनाया गया है। इससे दक्षिणी दिल्ली के बड़े इलाके के सीवरेज का ट्रीटमेंट होगा, जिससे दिल्ली के 40 लाख निवासियों को सीधा लाभ होगा। जल बोर्ड के अनुसार, कोंडली में निर्माणाधीन प्लांट की क्षमता 214 एमएलडी होगी और इसका 98 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इससे शाहदरा और पूर्वी दिल्ली के बड़े इलाके के सीवरेज का ट्रीटमेंट किया जाएगा। रिठाला में बनने वाले एसटीपी की क्षमता 182 एमएलडी होगी और इससे उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बड़े इलाके के सीवरेज का ट्रीटमेंट किया जाएगा। जल्द ही इस प्लांट से पूरी क्षमता से सीवरेज का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा। कोरोना और प्रदूषण के कारण लगी पाबंदियों के कारण निर्माण में देरी हुई है।

यमुना कार्ययोजना 3 के तहत ओखला, कोंडली और रिठाला में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के पूरा होने से यमुना को स्वच्छ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्लांट्स की अत्याधुनिक तकनीक और उच्च क्षमता के साथ सीवरेज पानी का प्रभावी ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे यमुना नदी में पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और दिल्ली के निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। हालांकि, निर्माण में हुई देरी के बावजूद, ये परियोजनाएं यमुना के प्रदूषण को नियंत्रित करने और नदी की स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। सरकार और दिल्ली जल बोर्ड की इन प्रयासों से यमुना को स्वच्छ बनाने की मुहिम को नई ऊर्जा मिलेगी।

Source- दैनिक जागरण

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