इस बार नहीं जलेगी पराली, दिल्ली-एनसीआर को मिलेगी प्रदूषण से राहत

saurabh pandey
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इस सर्दी, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण से जुड़ी चिंता कुछ कम हो सकती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि इस बार पराली जलाने की घटनाओं में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। सरकार ने किसानों को पराली जलाने के बजाय इसे उपयोगी बनाने के कई वैकल्पिक तरीके सुझाए हैं। गडकरी ने बताया कि पराली से अब इथेनॉल, बायोफ्यूल और अन्य पर्यावरण अनुकूल उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि दिल्ली और एनसीआर में सर्दियों के दौरान होने वाले गंभीर प्रदूषण में भी कमी आएगी।

हमने इस बार कई विकल्प किसानों के सामने रखे हैं ताकि पराली को न जलाकर उसका सदुपयोग किया जा सके। इथेनॉल, बायोफ्यूल और सीएनजी जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे देश को पर्यावरणीय और आर्थिक दोनों ही लाभ होंगे।” नितिन गडकरी

दिल्ली की सड़कों पर बड़ा बदलाव

इस बार सड़कों पर भी प्रदूषण कम करने के ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। गडकरी ने जानकारी दी कि दिल्ली में ई-वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी। “आज हर चौथा-पांचवां वाहन इलेक्ट्रिक है, और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, कई बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स भी दिल्ली और एनसीआर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए चल रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम कम होगा और वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी घटेगा।

कचरे से बनेगी सड़क

दिल्ली के कुख्यात गाजीपुर लैंडफिल साइट का कचरा अब राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने में इस्तेमाल हो रहा है। गडकरी ने बताया कि यहां से करीब 80 लाख टन कचरा हटाकर इसका उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जा रहा है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और कचरा प्रबंधन के लिए एक नई दिशा दिखा रही है।

सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान

गडकरी ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर भी चिंता जताई और बताया कि सरकार ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमने हाईवे के ब्लैक स्पॉट्स को हटाने के लिए भारी निवेश किया है, लेकिन जब तक लोगों के व्यवहार में बदलाव नहीं होगा, तब तक सड़क सुरक्षा में पूरी सफलता नहीं मिल सकती।”

परिवहन में नए आयाम

दिल्ली एयरपोर्ट को अब द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड से जोड़ा जा रहा है, जिससे यातायात सुगम होगा और सफर में लगने वाला समय भी कम होगा।

इन सब उपायों से उम्मीद है कि इस बार दिल्ली-एनसीआर को सर्दियों में प्रदूषण से कुछ हद तक राहत मिलेगी, और पराली जलाने की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसानों को भी नए अवसर मिलेंगे।

इस बार दिल्ली-एनसीआर के लिए प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों से राहत मिलने की उम्मीद है। पराली जलाने की घटनाओं में कमी के साथ, इथेनॉल और बायोफ्यूल जैसे वैकल्पिक समाधानों का उपयोग किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा और पर्यावरण को भी संरक्षित करेगा। साथ ही, ई-वाहनों की बढ़ती संख्या और सड़कों के बेहतर प्रबंधन से प्रदूषण और यातायात दोनों में सुधार की संभावना है। इन ठोस कदमों से आने वाले समय में दिल्ली और एनसीआर की हवा साफ और यातायात व्यवस्था सुगम होने की उम्मीद है।

Source- दैनिक जागरण

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