अंतरिक्ष में खाने का स्वाद अक्सर बेस्वाद और उबाऊ क्यों होता है? इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने में आगे बढ़ने के लिए RMIT यूनिवर्सिटी की टीम ने अंतरिक्ष में खाने के स्वाद पर शोध किया है। उनके नवीनतम अध्ययन के अनुसार, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुए परिणाम ने इस महत्वपूर्ण सवाल के उत्तर में नई दिशा दी है।
अंतरिक्ष यात्री अक्सर बताते हैं कि अंतरिक्ष में खाना खाने में मज़ा नहीं आता। धरती पर जो खाना स्वादिष्ट लगता है, वहां अंतरिक्ष में बेस्वाद और उबाऊ हो सकता है। रिसर्चर्स ने वर्चुअल रियलिटी (VR) और एक नकली अंतरिक्ष यान के माहौल का उपयोग करके अंतरिक्ष जैसे वातावरण में भोजन की सुगंध को अनुसरण किया। इस अद्वितीय प्रयोग से पता चला कि अंतरिक्ष यात्रियों को विशेष रूप से खाने की सुगंध में भिन्नता महसूस होती है।
अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने की अलग व्यवस्था होती है, जिसके बावजूद वे अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाना नहीं खा पाते हैं। इस अध्ययन ने स्पष्ट किया कि गुरुत्वाकर्षण की कमी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, जो अंतरिक्ष में खाने के स्वाद को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही, विशेष रूप से तैयार किए गए भोजन में विभिन्न इंद्रियों के संयोजन का महत्व भी उजागर किया गया।
RMIT यूनिवर्सिटी की इस अद्वितीय अध्ययन ने भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने के मेनू को डिजाइन करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही पृथ्वी पर भी व्यक्तिगत आहार के तरीकों को सुधारने में सहायक हो सकते हैं। इस अध्ययन से हम यह सीखते हैं कि भोजन का अनुभव सिर्फ स्वाद के साथ नहीं, बल्कि इंद्रियों के संयोजन से भी जुड़ा हुआ है। इससे हमें अंतरिक्ष यात्रियों के भोजन के अनुभव को सुधारने के लिए नई समझ मिलती है।
source and data- दैनिक जागरण