राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) के बिना पेट्रोल लेने पर वाहन मालिकों को 10 हजार रुपये का चालान भुगतना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने दिल्ली के 100 पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जो इस महीने के अंत से चालू हो जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करना है।
यह कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित हैं, जो पेट्रोल पंप पर आने वाले वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर पीयूसी की वैधता की जांच करेंगे। यदि वाहन के पास पीयूसी नहीं है, तो पेट्रोल पंप की स्क्रीन पर इसकी जानकारी दिखेगी और वाहन मालिक को मैसेज भी भेजा जाएगा। तीन घंटे के अंदर जांच न कराने पर 10 हजार रुपये का ऑनलाइन चालान काटा जाएगा।
30 फीसदी वाहनों के पास नहीं है वैध पीयूसी
दिल्ली में पंजीकृत 82 लाख वाहनों में से 30% यानी 26.2 लाख वाहनों के पास वैध पीयूसी नहीं है। इसमें सबसे अधिक संख्या दोपहिया वाहनों की है। परिवहन विभाग ने 30 बाइक सवार टीमें तैनात की हैं, जो पेट्रोल पंपों पर वाहनों की जांच करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि कई वाहन चालक अभी तक स्थानीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण जांच से बचते रहे हैं, लेकिन अब वे सीसीटीवी कैमरों से बच नहीं पाएंगे।
दिल्ली सरकार द्वारा पीयूसी के बिना पेट्रोल न दिए जाने का यह कड़ा कदम प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक से अधिक वाहन प्रदूषण मानकों का पालन करें।
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बिना पीयूसी प्रमाण पत्र के पेट्रोल न देने का सख्त नियम लागू किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के इस्तेमाल से वाहन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण की प्रक्रिया में मजबूती से जोड़ा जा रहा है। यह कदम न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि वाहन मालिकों को भी अपने वाहनों की नियमित जांच और रखरखाव के प्रति जागरूक करेगा।
Source- amar ujala