सर्वेक्षण: दिल्ली में ओजोन प्रदूषण की बढ़ती समस्या और नए कदम

saurabh pandey
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हाल की रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में गर्मियों के दौरान ओजोन प्रदूषण ने एक नई समस्या का रूप ले लिया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी गई रिपोर्ट से पता चला है कि अप्रैल और मई 2023 में ओजोन सांद्रता ने मानक स्तर को पार कर दिया था, जिससे यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।

ओजोन प्रदूषण की स्थिति

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के कई इलाकों में ओजोन सांद्रता का स्तर मानक से अधिक था। विशेष रूप से करणी सिंह शूटिंग रेंज, जवाहरलाल स्टेडियम, ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और नेहरू नगर जैसे क्षेत्रों में आठ घंटे तक ओजोन का स्तर राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रहा। इस स्तर की ओजोन प्रदूषण से न केवल मानव स्वास्थ्य को खतरा है, बल्कि पेड़-पौधों के लिए भी नुकसानदेह है।

ओजोन प्रदूषण का विस्तार

दिल्ली में ओजोन के उच्च स्तर की वजह से अप्रैल में 11 दिन और मई में 30 दिन ओजोन सांद्रता का स्तर मानक से अधिक रहा। ये आंकड़े वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा प्रदान किए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष ‘अच्छे दिनों’ की संख्या में वृद्धि हुई है। 2018 में जहां 159 अच्छे दिन थे, 2023 में यह संख्या बढ़कर 206 हो गई है।

वायु प्रदूषण की नई चुनौतियाँ

ओजोन की बढ़ती सांद्रता के कारण, दिल्ली सरकार ने पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस आदेश को 1 जनवरी तक लागू रखने की घोषणा की है। इस कदम का उद्देश्य ओजोन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा को नियंत्रित करना है, ताकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

दिल्ली में ओजोन प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। हालांकि, रिपोर्ट में प्रदूषण की स्थिति में सुधार के संकेत भी हैं, जैसे कि ‘अच्छे दिनों’ की संख्या में वृद्धि। इसके बावजूद, लंबे समय तक ओजोन के उच्च स्तर को नियंत्रित करने के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सरकार की नई नीतियाँ और नियम इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं, लेकिन इनका प्रभावी क्रियान्वयन और लगातार निगरानी भी आवश्यक है।

दिल्ली में ओजोन प्रदूषण की समस्या गर्मियों के दौरान गंभीर हो गई है, जैसा कि हाल की रिपोर्टों में उजागर हुआ है। उच्च ओजोन सांद्रता, जो मानक स्तर से ऊपर रही है, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। जबकि ‘अच्छे दिनों’ की संख्या में वृद्धि से कुछ सुधार की उम्मीद बंधी है, ओजोन प्रदूषण की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए अधिक ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध एक सकारात्मक पहल है, लेकिन इसका पूर्ण प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा। भविष्य में इस तरह के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होगी, जिसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन, प्रदूषण स्रोतों की पहचान और नियंत्रण, और जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना शामिल है। केवल इन उपायों के माध्यम से ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता में दीर्घकालिक सुधार संभव है।

Source- हिंदुस्तान समाचार पत्र

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