वसंत कुंज स्थित स्मृति वन के मछली तालाब में पानी की गुणवत्ता जलीय जीवों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, तालाब में अमोनिकल नाइट्रोजन की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक है और घुलित ऑक्सीजन (डीओ) पूरी तरह से शून्य है, जो जलीय जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है।
प्रदूषण की स्थिति
डीपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के बावजूद तालाब में पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, तालाब में अमोनिया नाइट्रोजन का स्तर अत्यधिक है, जबकि ऑक्सीजन का स्तर शून्य है, जो तालाब के जलीय जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसके साथ ही, तालाब के पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) के स्तर भी निर्धारित मानकों से अधिक हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि एसटीपी प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहा है।
डीपीसीसी की कार्रवाई
डीपीसीसी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को पत्र जारी कर एसटीपी की क्षमता को बढ़ाने और नाले के माध्यम से तालाब में कोई अनुपचारित अपशिष्ट जल न पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि तालाब की पानी की गुणवत्ता को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
जलीय जीवन के लिए खतरा
डीपीसीसी की जांच में यह पाया गया कि तालाब में घुलित ऑक्सीजन की कमी के कारण जलीय जीवों का जीवन खतरे में पड़ गया है। पानी में पर्याप्त ऑक्सीजन की अनुपस्थिति मछलियों और अन्य जलीय जीवों के लिए घातक है, जिससे वे जीवित नहीं रह सकते।
स्मृति वन के तालाब का पानी प्रदूषण के कारण जलीय जीवन के लिए असुरक्षित हो गया है। डीपीसीसी ने एसटीपी के प्रभावी संचालन और जल निकाय में प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो जलीय जीवन का संकट और भी गहरा सकता है।
स्मृति वन तालाब में प्रदूषण का बढ़ता स्तर जलीय जीवन के लिए गंभीर खतरा बन गया है। डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालाब में अमोनिया नाइट्रोजन की अधिकता और घुलित ऑक्सीजन की कमी से जलीय जीवों का अस्तित्व संकट में है। इस स्थिति को सुधारने के लिए एसटीपी की कार्यक्षमता बढ़ाना और अनुपचारित अपशिष्ट जल को तालाब में प्रवेश करने से रोकना अत्यावश्यक है। अगर समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो पर्यावरण और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को अपूरणीय क्षति हो सकती है।
Source- amar ujala
चित्र – काल्पनिक