उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी का प्रकोप, पूर्वोत्तर में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

saurabh pandey
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उत्तर भारत में सर्दी ने इस साल भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। घने कोहरे और कंपकंपाती ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं, पूर्वोत्तर भारत के इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना मौसम के और बिगड़ने का संकेत दे रही है।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ठंड का सितम जारी

मौसम विभाग के अनुसार, नौ जनवरी तक उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान पर चक्रवातीय प्रभाव के रूप में सक्रिय है, जिसके कारण उत्तर और पश्चिमी भारत के कई इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। राजस्थान में भी ठंड का प्रकोप जारी है, और राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया है।

तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में तापमान पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हो रहा है। मध्य भारत और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तापमान में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जबकि राजस्थान और गुजरात में ठंड और बढ़ने की संभावना है।

पूर्वोत्तर भारत में बारिश और ओलावृष्टि का अनुमान

मौसमी गतिविधियों के चलते आज सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गरज के साथ बौछारें पड़ने और वज्रपात का खतरा बना हुआ है।

घने कोहरे ने बढ़ाई मुसीबतें

उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है। नौ जनवरी तक इन क्षेत्रों में कोहरा रहने की संभावना है, जिससे दृश्यता में कमी और ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है। आज सुबह पंजाब के पटियाला और अमृतसर में दृश्यता शून्य मीटर दर्ज की गई, जबकि उत्तर प्रदेश के बरेली और बिहार के भागलपुर जैसे इलाकों में भी कोहरे का घना प्रभाव देखा गया।

बारिश और बर्फबारी का प्रभाव

पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढ़ गई है, और पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

मछुआरों के लिए चेतावनी

अरब सागर के पश्चिमी तट और मन्नार की खाड़ी में तेज तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। मछुआरों को इन इलाकों में समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि हवाओं की रफ्तार 55 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।

क्या है आगे का पूर्वानुमान?

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन दिनों में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में तापमान में और गिरावट आएगी। उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भी तापमान में दो से चार डिग्री की कमी हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत में तापमान में मामूली वृद्धि के बाद गिरावट का अनुमान है।

ठंड से बचाव के लिए जरूरी उपाय

भारी ठंड और कोहरे के इस मौसम में सावधानी बरतना जरूरी है। लोग गर्म कपड़े पहनें, बाहर निकलते समय कोहरे में वाहन धीरे चलाएं और खुद को गर्म रखने के लिए गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।

सर्दी के इस प्रकोप के बीच, उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरा और कंपकंपाती ठंड के साथ-साथ पूर्वोत्तर में बारिश और ओलावृष्टि ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मौसमी संकट खड़ा कर दिया है। ऐसे में सतर्क रहना और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करना ही सबसे बेहतर उपाय है।

उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में मौसमी गतिविधियों का यह दौर आम जनजीवन पर व्यापक प्रभाव डाल रहा है। कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और पूर्वोत्तर में बारिश-ओलावृष्टि ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। खासकर यातायात, कृषि और दैनिक जीवन प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना और ठंड से बचाव के उपाय अपनाना अत्यंत आवश्यक है। बदलते मौसम के इस दौर में सावधानी और सतर्कता ही सबसे बेहतर समाधान है।

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