इस साल स्वाइन फ्लू (H1N1) के कारण देशभर में 150 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, फ्लू का सबसे अधिक प्रभाव पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 जून तक देशभर में 7,215 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं, जिनमें से 150 की मौत हुई है।
स्वाइन फ्लू का प्रभाव
पिछले साल की तुलना में इस साल स्वाइन फ्लू की मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई है। 2022 में 8,125 मामलों में 129 मौतें हुई थीं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 150 मौतों तक पहुंच गया है। गुजरात, हरियाणा, और पंजाब में स्वाइन फ्लू के अधिक मामले सामने आए हैं। पंजाब में 304 मरीजों में फ्लू की पुष्टि हुई, जिनमें से 41 की मौत हो गई। हरियाणा में 265 मरीजों में से 26 की मौत हुई है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण और संक्रमण
स्वाइन फ्लू का संक्रमण खांसने या छींकने से सांस की बूंदों के माध्यम से फैल सकता है। वायरस से संक्रमित सतहों को छूने और फिर चेहरे को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। प्रमुख लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, आंखें लाल होना, बदन दर्द, सिरदर्द, थकान, डायरिया और पेट दर्द शामिल हैं।
मृत्यु दर और प्रभावित राज्य
इस साल स्वाइन फ्लू की मृत्यु दर 2.07 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि पंजाब में यह 13.48 फीसदी तक पहुंच गई है। हरियाणा में मृत्यु दर 9.81 फीसदी है। 6 वर्षों में कुल मिलाकर स्वाइन फ्लू के संक्रमण से लगभग तीन हजार मौतें हो चुकी हैं।
पिछले वर्षों के आंकड़े
- 2018: 15,266 मामले, 1,128 मौतें
- 2019: 28,798 मामले, 1,218 मौतें
- 2020: 2,752 मामले, 44 मौतें
- 2021: 778 मामले, 12 मौतें
- 2022: 13,202 मामले, 410 मौतें
स्वाइन फ्लू के आंकड़े वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुए थे।
अन्य राज्यों में स्थिति
गुजरात में 1,049 मामले और 27 मौतें दर्ज की गईं। इसके अलावा राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 2, उत्तराखंड में 1, जम्मू-कश्मीर में 1 और हिमाचल प्रदेश में 3 मरीजों की मौत हुई है।
स्वाइन फ्लू के मामलों में वृद्धि और मृत्यु दर में वृद्धि ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चेतावनी दी है। पंजाब और हरियाणा में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, स्वाइन फ्लू के लक्षण और संक्रमण से संबंधित जानकारी और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना संक्रमण के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
source and data -अमर उजाला