कोलकाता। भीषण चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों और बांग्लादेश के कई स्थानों में भारी तबाही मचाई। बंगाल में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कई इलाकों में जलभराव और बिजली की कमी के कारण लाखों लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं, हालांकि बारिश के कारण इसमें बाधा उत्पन्न हो रही है।
भीषण चक्रवाती तूफान रेमल रविवार रात को बंगाल की खाड़ी में बना। इसने 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेउपाड़ा के बीच तट को टकराया। चक्रवात के तट से टकराने की प्रक्रिया चार घंटे तक चली। इस दौरान कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, दीघा, काकद्वीप, जयनगर सहित कई क्षेत्रों में तबाही मचाई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तूफान के कारण 24 ब्लॉक और 79 वार्ड प्रभावित हुए हैं।
भारी तबाही का मंजर
इन क्षेत्रों में 29,500 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से 2,500 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। राज्य में 2,140 पेड़ और 1,700 बिजली के खंभे गिरे हैं। यह आंकड़ा बढ़ सकता है। निकाले गए लोगों को 1,400 राहत शिविरों में ठहराया गया है। हुगली और हावड़ा में बहुत तेज हवाएं और भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार सुबह रेमल कमजोर पड़ गया और 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है।
बांग्लादेश में भी तबाही
बांग्लादेश में रेमल के कहर से 10 लोगों की मौत हो गई। 1.5 करोड़ लोगों को 12 घंटे से अधिक समय तक बिजली के बिना रहना पड़ा। चक्रवात से 37.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। तेज हवा और बारिश का असर कई क्षेत्रों में दिखाई दिया, जिसमें भोल, वारीसाल, पातुआखाली, सतखीरा और चटगांव शामिल हैं। सरकार ने चक्रवात से पहले 8 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। कोलकाता में रेमल तूफान के कारण कई स्थानों पर पेड़ गिर गए।