राजधानी दिल्ली में प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी रही, जिससे वाहन चालकों की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। हड़ताल के चलते 75 हजार से अधिक प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्रों की वैधता समाप्त हो गई है। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को अब पड़ोसी शहरों जैसे गुरुग्राम और गाजियाबाद की ओर दौड़ना पड़ रहा है।
प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने के कारण वाहन मालिकों को पुलिस द्वारा 10 हजार रुपये तक का चालान हो सकता है। विनीत शर्मा ने बताया कि उनकी कार का प्रमाण पत्र गुरुवार रात को समाप्त हो गया था। शुक्रवार सुबह ड्यूटी पर जाने से पहले उन्होंने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पेट्रोल पंप बूथ पर जाने की कोशिश की, लेकिन हड़ताल के कारण यह बंद मिला। बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के वाहन की वैधता समाप्त हो रही है और नए प्रमाण पत्र की उपलब्धता नहीं हो पा रही है।
हड़ताल के कारण करीब 75 से 80 हजार प्रमाण पत्र इन पांच दिनों में जारी नहीं हुए हैं, जिससे वाहन चालकों को चालान का डर सताने लगा है। शुक्रवार को दुर्गापुरी चौक के पास पेट्रोल पंप पर कार की प्रदूषण जांच की समस्या उत्पन्न हो सकती है। पुलिस द्वारा जांच किए जाने पर 10 हजार रुपये का चालान भी हो सकता है। ऐसे में, कई लोग गाजियाबाद जाकर प्रदूषण जांच कराने पर मजबूर हो रहे हैं।
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी दी है कि दिल्ली में 300 प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। हड़ताल के बीच भी दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत जांच केंद्रों की जानकारी परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव बिबेक बनर्जी ने कहा कि हड़ताल के कारण लोगों को हो रही परेशानियों की जानकारी उनके पास भी है। उनका कहना है कि हड़ताल का उद्देश्य लोगों को परेशानी में डालना नहीं है, बल्कि बिना फीस बढ़ाए इन केंद्रों को चलाना संभव नहीं हो रहा है। उन्होंने दिल्ली के परिवहन मंत्री से एक बार फिर गुहार लगाई है और पत्र भेजा है।
कड़कड़डूमा स्थित पेट्रोल पंप पर अपनी एसयूवी का प्रदूषण जांच कराने आए अजय कुमार ने बताया कि उनकी प्रमाण पत्र की अवधि दो दिन में समाप्त हो जाएगी, लेकिन हड़ताल के कारण उन्होंने चार पेट्रोल पंपों पर जाकर भी प्रमाण पत्र नहीं बनवाया। अब उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत बूथों की तलाश करनी होगी।
Source and data – हिंदुस्तान समाचार पत्र