हाथियों के प्राकृतिक आवास के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता

saurabh pandey
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विश्व हाथी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हाथियों के लिए बेहतर प्राकृतिक आवास सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाथी भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनके संरक्षण के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए।

हाथियों की संख्या में वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, “भारत में हाथियों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। जहां वैश्विक स्तर पर हाथियों की आबादी में कमी आई है, वहीं भारत में इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है। हमें हाथियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, न सिर्फ एशिया बल्कि अफ्रीका में भी।”

विश्व हाथी दिवस का महत्व

हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एशिया और अफ्रीका में हाथियों की आबादी के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन की अहमियत को रेखांकित किया और हाथियों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।

हाथियों के संरक्षण में भारत की भूमिका

केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पिछले दस वर्षों में हाथियों के रिजर्व में वृद्धि हुई है और भारत में सभी एशियाई हाथियों का 60 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने भारत की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और हाथियों के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी रेखांकित किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया कि पिछले साल की तुलना में राज्य में हाथियों की संख्या में 100 की वृद्धि हुई है, और अब कुल संख्या 3063 तक पहुँच गई है।

हाथियों का संरक्षण न केवल हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता और भारत में हाथियों की संख्या में वृद्धि इस दिशा में सकारात्मक कदम है। इस वैश्विक दिवस पर, हमें हाथियों के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने और उनकी सुरक्षा के लिए सामुदायिक और सरकारी स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है।

Source – दैनिक जागरण

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