केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन ने भयावह तबाही मचाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया और घोषणा की कि केंद्र सरकार वायनाड के राहत और पुनर्वास के प्रयासों में पूरी तरह से सहयोग करेगी।
दौरे की विवरण:
प्रधानमंत्री मोदी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया। उन्होंने राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनके हालात को जाना। उनके दौरे के दौरान, उन्होंने क्षेत्र की गंभीरता को देखते हुए कहा कि यह तबाही सामान्य नहीं है और इसमें राज्य सरकार के साथ मिलकर हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी।
राहत कार्य और पुनर्वास योजना:
पीएम मोदी ने चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचरीमट्टम गांवों का दौरा किया और नुकसान का आकलन किया। चूरलमाला में उन्होंने सेना द्वारा बनाए गए 190 फीट लंबे बेली ब्रिज का दौरा किया और बचावकर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव और जिला अधिकारियों से बात की। उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा ने कई परिवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है और उनके पुनर्वास की योजना पर काम किया जा रहा है।
पीड़ितों की व्यथा:
राहत शिविर में पीएम मोदी ने पीड़ितों की दास्तानें सुनीं। मुंडक्कई के अय्यप्पन ने पीएम मोदी से मिलकर अपनी व्यथा व्यक्त की और बताया कि उसने अपने नौ रिश्तेदारों को खो दिया है। अय्यप्पन ने पीएम मोदी से एक सुरक्षित आश्रय की मांग की, जिसे मोदी ने स्वीकार किया और आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है और सब ठीक हो जाएगा। पीएम मोदी ने प्रभावित लोगों को सांत्वना दी और उनकी चिंताओं को सुना।
भूस्खलन की शुरुआत का स्थान:
प्रधानमंत्री ने उस स्थान का भी दौरा किया जहाँ से भूस्खलन की शुरुआत हुई थी। उन्होंने इरुवाझिंजी पुझा (नदी) के शुरुआती बिंदु का निरीक्षण किया और चूरलमाला, मुंडक्कई, और पुंचरीमट्टम के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा वायनाड की आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तत्परता को दर्शाता है। इस संकट के बीच, मोदी ने स्थानीय अधिकारियों और पीड़ितों के साथ मिलकर राहत कार्यों को प्राथमिकता देने और पुनर्वास योजनाओं को तेजी से लागू करने का आश्वासन दिया है।
Source and data – अमर उजाला