दिल्ली-एनसीआर की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है। हवा की गुणवत्ता इतनी बिगड़ गई है कि 15 से अधिक क्षेत्र रेड जोन में पहुंच चुके हैं, जहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आंकी गई है। ऐसे हालातों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के प्रतिबंध जल्द ही लागू किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर प्रदूषण का स्तर 300 के AQI को पार करता है, तो दूसरे चरण के सख्त नियम लागू होंगे।
प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है?
दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण के कई कारण हैं:
- पराली जलाने का मौसम: हर साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के किसान खेतों में पराली जलाते हैं, जिससे हवा में PM2.5 और PM10 जैसे महीन कण बढ़ जाते हैं।
- वाहनों का धुआं: वाहनों से निकलने वाले धुएं में प्रदूषक तत्वों का बड़ा योगदान होता है। त्योहारों के समय ट्रैफिक बढ़ने से समस्या और गंभीर हो जाती है।
- निर्माण गतिविधियां: खुले में चल रहे निर्माण कार्य से उड़ती धूल वायु की गुणवत्ता को खराब करती है।
- मौसम की प्रतिकूल स्थिति: धीमी हवा की गति और स्थिर वातावरण प्रदूषकों को हवा में फैलने नहीं देता, जिससे प्रदूषण हवा में अटका रहता है।
GRAP के दूसरे चरण के तहत कौन-कौन से प्रतिबंध लागू होंगे?
अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तो GRAP का दूसरा चरण लागू होगा। इसमें निम्नलिखित उपायों पर जोर दिया जाएगा:
- पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी: निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाएगा।
- CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें।
- डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध: केवल प्राकृतिक गैस और LPG जनरेटर को अनुमति होगी। बड़े जनरेटर के लिए रेट्रोफिटिंग अनिवार्य होगी।
- आरडब्ल्यूए (RWA) को निर्देश: आवासीय परिसरों में सुरक्षा गार्डों को हीटर उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि कूड़ा और कोयला जलाने से बचा जा सके।
दिल्ली मेट्रो की सेवाओं में होगी बढ़ोतरी
दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने घोषणा की है कि प्रदूषण बढ़ने पर मेट्रो सेवाओं में भी विस्तार किया जाएगा। सामान्य दिनों में मेट्रो 4200 चक्कर लगाती है, लेकिन यदि AQI 300 पार करता है, तो कार्यदिवसों पर 40 अतिरिक्त चक्कर जोड़े जाएंगे। GRAP के अगले चरण में 20 और अतिरिक्त चक्कर बढ़ाए जाएंगे, जिससे भीड़ कम की जा सके और लोग निजी वाहनों का उपयोग घटाएं।
अगले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। धीमी हवा और नमी से प्रदूषक तत्व वातावरण में फंसे रहेंगे। अगले छह दिनों तक हवा की गति 6-10 किमी/घंटा रहने की उम्मीद है, जिससे प्रदूषण का स्तर सामान्य से अधिक रह सकता है।
त्योहारों के दौरान प्रदूषण: चुनौतीपूर्ण समय
दीवाली और अन्य त्योहारों के समय सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ता है, जिससे ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण की समस्या गहरा जाती है। ऐसे में सरकार और प्रशासन नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और निजी वाहनों का प्रयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर ही करें।
CPCB की अपील और दिशा-निर्देश
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने आम जनता से अपील की है कि वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए वे निम्नलिखित कदम उठाएं:
- कारपूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें।
- डिजिटल पटाखे अपनाकर प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों से दूर रहें।
- निर्माण गतिविधियों के दौरान धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव करें।
- कचरा जलाने से बचें और इसके निस्तारण के लिए उचित साधन अपनाएं।
समय रहते उठाने होंगे सख्त कदम
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। GRAP के तहत प्रतिबंध लगाने से कुछ हद तक राहत मिल सकती है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए पराली प्रबंधन, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण, और जनभागीदारी बेहद जरूरी है।
आम नागरिकों का सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण है। स्वच्छ हवा की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की भागीदारी से ही संभव है। आइए, इस त्योहार के मौसम में हम सभी मिलकर स्वच्छ और स्वस्थ हवा की दिशा में एक कदम बढ़ाएं।