दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार से प्रदूषण के खिलाफ एक सख्त अभियान शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने रविवार को कहा कि निर्माण एजेंसियों को धूल नियंत्रण के दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई है, और अब इनका पालन न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राय ने केंद्र सरकार से दिवाली के बाद कृत्रिम बारिश की तैयारी शुरू करने की अपील की, ताकि बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो जाती है। गोपाल राय ने कहा कि पिछले दो सालों में 200 दिन ऐसे रहे हैं जब दिल्ली की हवा साफ रही है, जबकि वर्ष 2016 में ऐसी दिनों की संख्या केवल 109 थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
औचक निरीक्षण और कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि वह स्वयं निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण करेंगे और उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दिल्लीवासियों से ग्रीन दिल्ली एप डाउनलोड करने और प्रदूषण के मामलों की रिपोर्ट करने की अपील की है। इस एप के माध्यम से लोग अपने आस-पास के प्रदूषण के स्रोत की फोटो अपलोड कर सकते हैं, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को और बढ़ाने वाला एक बड़ा कारण पराली जलाना है। सर्दियों के मौसम में देश के कई राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 1500 को पार कर गई है, जिसमें पंजाब सबसे अधिक प्रभावित है। यहां करीब 700 मामले सामने आए हैं। यह धुआं दिल्ली और एनसीआर के एयर क्वालिटी को गंभीर श्रेणी में पहुंचा रहा है।
GRAP समिति की समीक्षा
इस बीच, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) समिति ने प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की है, लेकिन अभी तक प्रतिबंध लागू करने का निर्णय नहीं लिया गया है। समिति ने कहा है कि वह अगले एक-दो दिन तक स्थिति का आकलन करने के बाद ही कोई निर्णय लेगी।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि प्रदूषण के स्तर को कम किया जाए और इसके लिए सभी उपाय किए जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहले ही दिवाली के बाद कृत्रिम बारिश के लिए पत्र लिखा गया है। सरकार का मानना है कि बारिश से प्रदूषण का स्तर कम किया जा सकता है, जिससे लोगों को साफ हवा मिलेगी।
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ यह सख्त अभियान न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार और स्थानीय निवासियों को मिलकर प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।