प्रतिबंधित पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग: संकट में पर्यावरण, प्रतिबंध बने मजाक

saurabh pandey
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प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में धड़ल्ले से पॉलीथिन बैग बेचे जा रहे हैं। हर दिन टनों सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा बन रहा है। साप्ताहिक बाजारों में सब्जियां और फल पॉलीथिन में पैक करके बेचे जा रहे हैं। चाय, मोमोज और समोसे चटनी भी प्रतिबंधित प्लास्टिक में पैक होकर मिल रहे हैं। प्लास्टिक कचरा नालियों को जाम कर देता है। अगर आप कभी सफाई कर्मचारियों को मानसून के मौसम में नालियों से मलबा हटाते हुए देखें तो आपको पता चलेगा कि उसमें ज्यादातर प्रतिबंधित प्लास्टिक होता है। प्लास्टिक कचरा बिना सड़ने के अपने साथ दूसरे कचरे को समेटकर नालियों को जाम कर देता है। दिल्ली के निवासी और नागरिक एजेंसियां ​​दोनों ही इस समस्या से जूझ रहे हैं।

प्रतिबंध के बावजूद हो रहा है इस्तेमाल

1 जुलाई 2022 को दिल्ली समेत देशभर में 10 हजार किलोग्राम प्लास्टिक जब्त किया गया था। हर साल 3 जुलाई को दुनिया भर के लोग अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों में पर्यावरण पर प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। एमसीडी ने बताया कि नवंबर 2023 से जून 2024 तक उसने दिल्ली में 10 हजार किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त किया है। 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन बैग से बने 19 उत्पादों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन बाजार में सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के बेहतर और सस्ते विकल्प न होने के कारण लोगों ने इनका इस्तेमाल बंद नहीं किया है।

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस

हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक बैग के उपयोग को समाप्त कर पर्यावरण को संरक्षित करना है। यह दिवस हमें प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों से अवगत कराता है और इसके निवारण के लिए आवश्यक कदम उठाने के प्रति जागरूक करता है।

समस्या की गंभीरता

कनॉट प्लेस में पॉलीथिन ले जाने वाले लोग प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रशासन सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण और बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने में सफल नहीं हो पाया है और नागरिक भी ऐसा करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। नालियों में फंसे प्लास्टिक कचरे से न केवल जल निकासी की समस्या होती है बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। प्लास्टिक कचरा सड़ता नहीं है और इससे जमीन की उर्वरता भी प्रभावित होती है।

समाधान और सुझाव

सख्त निगरानी और प्रवर्तन: प्रशासन को सख्ती से प्लास्टिक बैन को लागू करना होगा और इसके उल्लंघन पर कड़ी सजा देनी होगी।

जन जागरूकता अभियान: लोगों को प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना और उन्हें टिकाऊ विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक है।

वैकल्पिक उत्पादों का विकास और प्रोत्साहन: सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर सस्ते और टिकाऊ विकल्पों का विकास करना चाहिए ताकि लोग आसानी से प्लास्टिक का उपयोग बंद कर सकें।

पुनर्चक्रण: प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना चाहिए ताकि प्लास्टिक कचरे को सही तरीके से निपटाया जा सके और इसका पुन: उपयोग हो सके।

सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों को इस मुद्दे पर शामिल करना और उन्हें समाधान का हिस्सा बनाना होगा।

प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या का समाधान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि हम सभी मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करें और प्लास्टिक के उपयोग को कम करें, तो हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बना सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम प्लास्टिक के उपयोग को कम करेंगे और पर्यावरण की रक्षा करेंगे।

Source- अमर उजाला ब्यूरो

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