दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण का कहर, वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर

saurabh pandey
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दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण लगातार गंभीर स्थिति में पहुंच रहा है, जिससे हवा बेहद जहरीली हो चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कई बड़े शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया है। दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में प्रदूषण से राहत की उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है।

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का आलम

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। 27 अक्टूबर को AQI 356 पर दर्ज किया गया, जिसमें कई इलाकों में सूचकांक 400 के पार चला गया। गाजियाबाद (324) और ग्रेटर नोएडा (312) में भी प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया है, जिससे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा नोएडा (304) और गुरुग्राम में भी हालात चिंताजनक हैं, जहां AQI ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बना हुआ है।

अन्य शहरों में भी हवा बनी घातक

प्रदूषण का असर केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। अमृतसर (310) और सूरत (281) जैसे शहर भी प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं। देश के छोटे-बड़े 27 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ स्थिति में दर्ज की गई है, जिनमें बागपत, फरीदाबाद, जयपुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, उज्जैन, और बीकानेर शामिल हैं।

प्रदूषण मुक्त शहरों की स्थिति

प्रदूषण के विपरीत कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक या अच्छी श्रेणी में बनी हुई है। नाहरलगुन में AQI महज 8 दर्ज किया गया, जो इसे सबसे साफ हवा वाले शहरों में से एक बनाता है। इसी तरह कोल्लम, मैसूर, सिलीगुड़ी, तिरुवनंतपुरम, और रामनाथपुरम जैसे शहरों की हवा भी स्वच्छ बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्थिति में है।

वायु गुणवत्ता की मध्यम स्थिति वाले शहर

कई शहरों में प्रदूषण की स्थिति ‘मध्यम’ श्रेणी में है। लखनऊ, मुंबई, भोपाल, उदयपुर, आगरा, इंदौर, और चेन्नई में AQI 101-200 के बीच दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले दिनों के मुकाबले इस श्रेणी में शहरों की संख्या में करीब 6% की कमी आई है।

प्रदूषण से कैसे निपटा जा सकता है?

प्रदूषण से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। लोगों को भी प्रदूषण कम करने के लिए सहयोग करना होगा, जैसे:

  • कार-पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग
  • पराली जलाने पर सख्त नियंत्रण
  • फैक्ट्रियों और वाहनों से उत्सर्जन पर नियंत्रण
  • मास्क पहनकर और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर स्वास्थ्य की रक्षा

दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण के ठोस उपाय न होने से हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद कम ही नजर आती है। अगर प्रशासन और आम लोग मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रयास नहीं करते, तो भविष्य में यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।

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