बर्नीहाट-श्रीगंगानगर में प्रदूषण का अलार्म: वायु गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति

saurabh pandey
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भारत के बर्नीहाट और श्रीगंगानगर में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 285 पर पहुंच गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इसी प्रकार, श्रीगंगानगर में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 276 पर दर्ज किया गया है। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों की सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि पूरे क्षेत्र के पर्यावरण को भी प्रभावित कर रही है।

देश के अन्य प्रदूषित शहरों की सूची

बर्नीहाट और श्रीगंगानगर के अलावा, भारत के अन्य शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। अररिया, लुधियाना, हनुमानगढ़, ग्रेटर नोएडा, विजयपुरा, दुर्गापुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), और नारनौल जैसे शहर भी वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से जूझ रहे हैं। इन शहरों में वायु गुणवत्ता के खराब स्तर के कारण नागरिकों को सांस संबंधी समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।

दावनगेरे: वायु गुणवत्ता का एक उदाहरण

देश के प्रदूषित शहरों के विपरीत, दावनगेरे में वायु गुणवत्ता सूचकांक केवल 18 है, जो कि ‘बेहतर’ श्रेणी में आता है। दावनगेरे का यह आंकड़ा देश के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहां वायु गुणवत्ता उत्कृष्ट है और प्रदूषण का स्तर बहुत कम है।

वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा

हालांकि प्रदूषण के गंभीर स्तर के साथ कई शहरों में समस्या बनी हुई है, लेकिन कुछ सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। देशभर में वायु गुणवत्ता के बेहतर स्तर वाले शहरों की संख्या में 5% की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि के साथ, कुल 57% शहरों में वायु गुणवत्ता ‘बेहतर’ दर्ज की गई है। वहीं, 37% शहरों में स्थिति ‘संतोषजनक’ है। हालांकि, 6% शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

दिल्ली और फरीदाबाद में सुधार

दिल्ली और फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 अंक गिरकर 77 पर पहुंच गया है, जबकि फरीदाबाद में यह 33 अंक घटकर 91 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता अब मध्यम से संतोषजनक स्तर पर है, जो कि राहत की बात है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक का महत्व

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वायु प्रदूषण के स्तर को मापने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। 0 से 50 के बीच का AQI ‘बेहतर’ वायु गुणवत्ता को दर्शाता है, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, और 301 से 500 के बीच ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। उच्च AQI स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है और विशेषकर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह अत्यधिक हानिकारक हो सकता है।

हालांकि देश में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है, बर्नीहाट और श्रीगंगानगर जैसी जगहों पर प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटना एक प्राथमिकता है। प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और सभी शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके। नागरिकों की सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक हैं।

source- down to earth

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