प्लूटो का नाम नौवें ग्रह बनने की दौड़ में फिर से सामने

saurabh pandey
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सौरमंडल के एक संभावित नौवें ग्रह के रूप में प्लूटो (यम) की बहाली की चर्चा एक बार फिर गरम हो गई है। 2006 में ग्रह की श्रेणी से हटा दिया गया प्लूटो अब अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आईएयू) के आगामी सम्मेलन में पुनः ग्रह का दर्जा प्राप्त करने की दौड़ में है। यह सम्मेलन अगस्त के पहले सप्ताह में दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में आयोजित होगा, जहां इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।

खगोलशास्त्र के विशेषज्ञ और आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार, प्लूटो की बौने ग्रह की श्रेणी में शामिल होने के बाद से यह फिर से चर्चा में आ गया है। 18 साल पहले, ग्रहों की मानक परिभाषा के अनुसार प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से बाहर किया गया था, मुख्य रूप से इसके गोलाकार नहीं होने और नेपच्यून की कक्षा में आ जाने की वजह से। इसके अतिरिक्त, एरिस और सेरेस जैसे अन्य बौने ग्रहों को भी इसी कारण से ग्रहों की श्रेणी से बाहर किया गया था।

आईएयू के सम्मेलन में, नई परिभाषाओं और मानकों पर विचार किया जाएगा। अगर नए मानक लागू होते हैं, तो प्लूटो को फिर से सौरमंडल के नौवें ग्रह के रूप में मान्यता मिल सकती है। वर्तमान में, मीडिया और वैज्ञानिकों के बीच प्लूटो की ग्रह की स्थिति को लेकर बहस जारी है, और यह मामला आगामी सम्मेलन में सुलझने की उम्मीद है।

इतिहास में प्लूटो की खोज 18 फरवरी 1930 को की गई थी। इसका एक साल पृथ्वी के 247.68 वर्षों के बराबर है, और यह सूर्य से औसतन 4.4 अरब किलोमीटर दूर होता है। प्लूटो की सतह नाइट्रोजन बर्फ से ढकी हुई है और इसका आकार हमारे चंद्रमा का एक तिहाई है।

नए मानक लागू होने की स्थिति में, प्लूटो का सौरमंडल में पुनः शामिल होना एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना साबित हो सकता है, जो खगोलशास्त्र की दुनिया में नई बहस और उत्सुकता का कारण बनेगा।

प्लूटो, जिसे 2006 में ग्रहों की श्रेणी से हटा दिया गया था, अब एक बार फिर सौरमंडल के नौवें ग्रह के रूप में मान्यता प्राप्त करने की दौड़ में है। अगस्त में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आईएयू) सम्मेलन में इस पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा। यदि नए मानक लागू होते हैं, तो प्लूटो की ग्रहों की श्रेणी में वापसी संभव है। वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों के बीच इस मुद्दे पर बहस जारी है, और इस निर्णय से सौरमंडल की ग्रहों की सूची में एक नया मोड़ आ सकता है।

Source and data – दैनिक जागरण

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