दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी दी गई है। उनके अनुसार, केंद्र सरकार के वकीलों ने कोर्ट के सामने दो महत्वपूर्ण तथ्य गलत तरीके से पेश किए। पहला, उन्होंने कहा कि कानूनी अधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पेड़ काटने के लिए अनुमति की जरूरत होती है। दूसरा, उन्होंने कहा कि फरवरी में दिल्ली के उपराज्यपाल वहां नहीं गए थे, बल्कि वह जगह अलग थी।
मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी।” भारद्वाज ने डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) की ओर से लिखे गए दो मेल का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मेल से यह स्पष्ट हुआ है कि वन विभाग के रेंजर ने मौके का निरीक्षण किया था और पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन मौखिक आदेश पर बाद में पेड़ों को काटा गया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह कहना गलत है कि डीडीए के कानूनी अधिकारी को जानकारी नहीं थी। सभी अधिकारियों को पता था कि पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है।” उन्होंने दूसरे मेल का प्रिंटआउट दिखाते हुए कहा कि यह मेल डीडीए के एक अधिकारी ने 7 फरवरी को दिल्ली सरकार से जुड़े एक निदेशक और अन्य अधिकारियों को भेजा था, जिसमें साफ लिखा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल मौके पर आए थे।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि अगर कोई आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) पेड़ काटता है, तो वन विभाग की तरफ से नोटिस आता है। इस मामले में डीडीए और वन विभाग दोनों की भूमिका पर सवाल उठते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हुआ है।
सौरभ पाण्डेय
Prakritiwad.com
Source – हिन्दुस्तान समाचार पत्र
