मांसाहारी भोजन से बढ़ता है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का महत्वपूर्ण शोध

saurabh pandey
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यदि आप मांसाहारी भोजन के शौक़ीन हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि रोजाना रेड मीट खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 15 फीसदी तक बढ़ सकता है। यह शोध द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है, और इसके नतीजे एक व्यापक स्वास्थ्य चिंता को उजागर करते हैं।

शोधकर्ताओं ने 20 देशों के लगभग 20 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि प्रोसेस्ड और अनप्रोसेस्ड रेड मीट के नियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इस अध्ययन में एक दशक की अवधि में दो मिलियन वयस्कों के स्वास्थ्य डेटा की समीक्षा की गई, जिसमें 107,271 टाइप 2 डायबिटीज के मामलों की पहचान की गई।

प्रोफेसर नीता फोरौही, जो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मेडिकल रिसर्च काउंसिल (एमआरसी) महामारी विज्ञान इकाई की प्रमुख हैं, ने कहा, “हमारा शोध प्रसंस्कृत और अप्रसंस्कृत मांस खाने और भविष्य में टाइप 2 मधुमेह के जोखिम के बीच संबंध का अब तक का सबसे व्यापक सबूत प्रदान करता है। यदि आप मधुमेह से बचना चाहते हैं, तो मांसाहारी भोजन का सेवन सीमित करना चाहिए।”

विशेष रूप से, उन लोगों में जिन्होंने प्रतिदिन 50 ग्राम प्रसंस्कृत मांस (जैसे हैम के दो स्लाइस के बराबर) खाया, उनके टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना 10 साल के भीतर 15% अधिक थी। इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि मांसाहारी भोजन के सेवन में कटौती करने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस अध्ययन के नतीजे मांसाहारी भोजन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे। डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए संतुलित आहार और जीवनशैली में सुधार की सिफारिश की जाती है।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के हालिया शोध ने यह स्पष्ट किया है कि नियमित रूप से रेड मीट का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 15 फीसदी तक बढ़ सकता है। इस अध्ययन ने प्रोसेस्ड और अनप्रोसेस्ड मीट दोनों के सेवन से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर किया है। शोध के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि मांसाहारी भोजन का अत्यधिक सेवन मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस जानकारी के आधार पर लोगों को अपने आहार में सुधार करना चाहिए और मांसाहारी भोजन की मात्रा को नियंत्रित करना चाहिए। एक संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से टाइप 2 डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस अध्ययन के परिणाम एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में सामने आए हैं, जो लोगों को बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं।

Source- हिंदुस्तान समाचार पत्र  

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