केंद्र सरकार गंगा की सफाई को स्थायी और प्रभावी बनाने के लिए 25 और शहरों के लिए नदी प्रबंधन योजना तैयार कर रही है। इस योजना का उद्देश्य है कि नदी किनारे बसे शहरों को इस तरह से विकसित किया जाए कि वे नदियों के प्रबंधन और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव मित्तल ने बताया कि इस योजना के तहत उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के पांच-पांच शहरों का चयन किया गया है। ये शहर गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई के लिए एक स्थायी और टिकाऊ ढांचा तैयार करने में मदद करेंगे।
उत्तर प्रदेश में बिजनौर, गोरखपुर, मिर्जापुर, मथुरा-वृंदावन और शाहजहांपुर के स्थानीय निकायों को इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी। उत्तराखंड में गंगोत्री, ऋषिकेश और हरिद्वार, बिहार में भागलपुर और गया, झारखंड में रांची और धनबाद तथा पश्चिम बंगाल में हावड़ा और सिलीगुड़ी के नगर निगम इस योजना में शामिल होंगे।
मित्तल ने कहा कि इससे पहले कानपुर, अयोध्या और संभाजी नगर में शहरी नदी प्रबंधन योजना सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इससे नदियों के संरक्षण की चिंता को नगर नियोजन में शामिल करने में मदद मिली है।
शहरी विकास में नदी प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका
यह योजना न केवल नदियों की सफाई में मदद करेगी, बल्कि शहरी विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नदी किनारे बसे शहरों को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि वे नदियों के प्रबंधन और संरक्षण में योगदान दे सकें। इस पहल से नदियों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और शहरी नियोजन में भी सुधार होगा।
एनएमसीजी की इस नई योजना से गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई के प्रयासों को स्थायित्व और प्रभावशीलता मिलेगी। नगर नियोजन में नदियों की चिंता को प्राथमिकता देकर यह योजना एक समग्र और टिकाऊ विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Source and data – दैनिक जागरण