राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्र, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और नौ राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से वायु प्रदूषण को लेकर जवाब तलब किया है। एनजीटी ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया, जिसमें वायु गुणवत्ता के गिरते स्तर का लोगों के स्वास्थ्य और मृत्यु दर पर गंभीर प्रभाव बताया गया है।
रिपोर्ट का निष्कर्ष: लाखों मौतें वायु प्रदूषण के कारण
रिपोर्ट में लैंसेट के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों से अधिक प्रदूषण के कारण भारत में करीब 33,000 मौतें होती हैं। अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता जैसे अपेक्षाकृत कम प्रदूषित माने जाने वाले शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है।
प्रमुख शहरों में AQI के हालात
दिल्ली-एनसीआर के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर है। CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार:
- दिल्ली: 364
- गाजियाबाद: 305
- नोएडा: 300
- ग्रेटर नोएडा: 254
- गुरुग्राम: 247
- फरीदाबाद: 238
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे बवाना, द्वारका, ITO, रोहिणी और नेहरू नगर में AQI 500 तक पहुंच गया है, जो वायु प्रदूषण के अत्यंत खतरनाक स्तर को दर्शाता है।
प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित लोग
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बच्चे, बुजुर्ग और पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित लोग वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। इनके लिए वायु प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का बड़ा कारण बन सकता है।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण हैं:
- वाहनों से निकलने वाला धुआं
- औद्योगिक उत्सर्जन
- निर्माण कार्यों से उत्पन्न धूल
- कचरा और पराली जलाना
- मौसम का हाल और वायु प्रदूषण का प्रभाव
दिल्ली में मौसम में भी हल्का बदलाव देखने को मिल रहा है। दिन के समय हल्की गर्मी और सुबह-शाम ठंड का अहसास हो रहा है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 20.5°C और अधिकतम तापमान 33.1°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से कुछ अधिक है।
गुरुवार को न्यूनतम तापमान 20.5°C और अधिकतम 33.1°C रहने की उम्मीद है। सुबह के समय हल्के कोहरे की भी संभावना जताई जा रही है।
अगले कदम: एनजीटी की सख्ती
एनजीटी ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। अधिकरण ने कहा कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को समन्वित रूप से काम करना होगा। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया है कि केंद्र और संबंधित राज्य दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करें।
वायु प्रदूषण केवल दिल्ली-एनसीआर की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की गंभीर समस्या बन चुकी है। खराब वायु गुणवत्ता न केवल पर्यावरण बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है। सरकारों को सिर्फ कार्रवाई करने के आदेश जारी करने से आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यदि वाहन उत्सर्जन और निर्माण से होने वाले प्रदूषण पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।