राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम: 95 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार, परंतु सर्दियों में फिर चुनौती

saurabh pandey
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राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत देशभर के 131 शहरों में प्रदूषण स्तर में सुधार के प्रयास किए गए, जिनमें से 95 शहरों की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, आगरा, और देहरादून सहित 21 शहरों में हवा की गुणवत्ता में 40% से अधिक सुधार हुआ है।

वायु गुणवत्ता में सुधार के आंकड़े

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 की तुलना में 2023-24 में पीएम 10 के स्तर में काफी गिरावट आई है। इस दौरान वाराणसी, लखनऊ, और कानपुर जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखा गया है।

उदाहरण के लिए:

  • वाराणसी: 73 से 137 तक सुधार
  • लखनऊ: 116 से 109 तक सुधार
  • कानपुर: 202 से 250 तक सुधार

अन्य शहरों में भी सुधार

प्रमुख सुधार वाले शहरों की सूची में गाजियाबाद, प्रयागराज, और दिल्ली भी शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता में 30% से 40% तक सुधार हुआ है। इसके अलावा, नोएडा, आसनसोल, और वडोदरा जैसे शहरों में 20% से 30% तक सुधार देखा गया है।

आने वाले महीनों में चुनौती

हालांकि, यह सुधार सर्दियों के दौरान एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकता है। सितंबर से शुरू होने वाला प्रदूषण का दौर जनवरी-फरवरी तक जारी रहता है, जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। दिवाली के आसपास यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयास

केंद्र और राज्य सरकारें वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सक्रिय होती हैं, विशेषकर सर्दियों के दौरान। इस दौरान विभिन्न बैठकें की जाती हैं और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। हालांकि, जैसे ही स्थिति सामान्य होती है, ये प्रयास भी धीमे पड़ जाते हैं।

हर साल वायु प्रदूषण के कारण लाखों लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंचते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकारें और आम जनता दोनों ही वायु गुणवत्ता सुधार के प्रयासों को निरंतर बनाए रखें, ताकि आने वाले समय में हम स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में सांस ले सकें।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, सर्दियों के महीनों में वायु प्रदूषण की समस्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जो इस सुधार को अस्थायी बना सकती है। यह आवश्यक है कि सरकारें और समाज दोनों ही सतत प्रयासों के माध्यम से इस सुधार को बनाए रखें, ताकि आने वाले समय में नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके। स्थायी सुधार के लिए ठोस योजनाओं और निरंतर निगरानी की आवश्यकता है, जिससे वायु प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण पाया जा सके।

Source- दैनिक जागरण  

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