भूस्खलन प्रभावित वायनाड में जमीन के नीचे से रहस्यमयी आवाजें

saurabh pandey
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केरल के वायनाड जिले में शुक्रवार सुबह जमीन के नीचे से रहस्यमयी आवाजें सुनाई देने से क्षेत्र में दहशत फैल गई। अधिकारियों के अनुसार, अंबालावायल गांव और व्याथिरी तालुक के कुछ हिस्सों में तेज आवाजें सुनी गईं। पंचायत वार्ड के एक सदस्य ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 10:15 बजे हुई।

भूस्खलन की पृष्ठभूमि

30 जुलाई को वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में 226 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग लापता हो गए थे। इस त्रासदी के बाद से क्षेत्र में लगातार संकट की स्थिति बनी हुई है। हाल की रहस्यमयी आवाजों ने स्थानीय निवासियों के बीच नई चिंताओं को जन्म दिया है।

जांच और प्रशासनिक कार्रवाई

आईएएनएस के मुताबिक, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने घटनास्थल पर जांच के बाद पुष्टि की कि यह भूकंप नहीं था और इसके बारे में चिंता की कोई बात नहीं है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी भूकंप की संभावना को खारिज किया है। जिलाधिकारी डीआर मेघश्री ने कहा कि प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं।

प्रधानमंत्री का दौरा और राहत कार्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे। वह राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करेंगे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दिन में करीब 11 बजे कन्नूर पहुंचेंगे और वायनाड में राहत शिविरों और अस्पतालों का दौरा करेंगे।

समाज का योगदान

तमिलनाडु की किशोरी हरिनी श्री ने भूस्खलन पीड़ितों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से लगातार तीन घंटे तक भरतनाट्यम नृत्य किया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन से एकत्रित धन और अपनी बचत से वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केरल मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 15,000 रुपये दान किए।

अदालत की भूमिका

केरल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए वायनाड और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में बेलगाम दोहन के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने पर्यावरणीय संतुलन की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है।

भूस्खलन के बाद वायनाड में परिस्थितियाँ तनावपूर्ण बनी हुई हैं। प्रशासन और समाज के विभिन्न हिस्सों द्वारा राहत और पुनर्वास के प्रयास जारी हैं। हालांकि रहस्यमयी आवाजों के पीछे के कारणों की जांच जारी है, स्थानीय लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास प्राथमिकता बनी हुई है।

source and data – दैनिक जागरण

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