इंसानी शरीर में पाए गए 3,600 से ज्यादा फूड पैकेजिंग केमिकल्स, स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा

saurabh pandey
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हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने इंसानी स्वास्थ्य के लिए एक नई चुनौती पेश की है। वैज्ञानिकों ने इंसानी शरीर में फूड पैकेजिंग से जुड़े 3,600 से ज्यादा केमिकल्स की पहचान की है, जो स्वास्थ्य के लिए संभावित रूप से हानिकारक हो सकते हैं। इन केमिकल्स में से लगभग 100 ऐसे हैं जिन्हें ‘बेहद चिंताजनक’ माना जा रहा है। यह अध्ययन 17 सितम्बर को प्रकाशित हुआ और इसमें हमारे भोजन और शरीर के बीच खतरनाक केमिकल्स के प्रवेश का खुलासा हुआ है।

फूड पैकेजिंग से जुड़ा खतरा

अध्ययन के अनुसार, इन 3,600 केमिकल्स में से कुछ पहले से ही इंसानी शरीर में पाए जा चुके हैं। इनका स्रोत मुख्य रूप से फूड पैकेजिंग और उस प्रक्रिया से जुड़ा है जिसके तहत भोजन तैयार किया जाता है। प्लास्टिक, कांच, धातु और कागज जैसी सामग्रियों में से कई ऐसे पदार्थ निकलते हैं, जो भोजन में प्रवेश कर जाते हैं और फिर हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अध्ययन का नेतृत्व कर रही शोधकर्ता बिरगिट ग्यूके ने इस बात की पुष्टि की है कि इन केमिकल्स में से लगभग 100 केमिकल्स ऐसे हैं, जिन्हें स्वास्थ्य के लिए ‘बेहद चिंताजनक’ माना जा रहा है।

पीएफएएस और बिस्फेनॉल ए: पुराने दुश्मन, नए खतरे

अध्ययन में शामिल कुछ केमिकल्स, जैसे पर-एंड पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (PFAS) और बिस्फेनॉल ए, पहले से ही स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने के लिए चर्चित रहे हैं। ये केमिकल्स न केवल पैकेजिंग में पाए जाते हैं, बल्कि ये मानव शरीर में भी प्रवेश कर चुके हैं। कई देशों में इन पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। PFAS को ‘फॉरएवर केमिकल्स’ कहा जाता है क्योंकि ये प्राकृतिक तरीके से आसानी से नष्ट नहीं होते और लंबे समय तक शरीर में रहते हैं।

अध्ययन की जरूरत

शोधकर्ताओं का कहना है कि फूड पैकेजिंग से जुड़े इन केमिकल्स पर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस हद तक ये केमिकल्स हमारे शरीर में पहुंचते हैं और इनका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। ज्यूरिख स्थित फूड पैकेजिंग फोरम फाउंडेशन द्वारा किए गए इस अध्ययन के नतीजे जर्नल ऑफ एक्सपोजर साइंस एंड एनवायरमेंटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं।

कैसे करते हैं ये केमिकल्स असर?

विशेषज्ञों के मुताबिक, ये केमिकल्स हमारे हार्मोनल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं और लंबे समय तक शरीर में रहने से कैंसर, मोटापा, और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।

भविष्य में क्या कदम उठाने होंगे?

इस अध्ययन के नतीजे यह दर्शाते हैं कि फूड पैकेजिंग के नियमों और सुरक्षा मानकों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण आवश्यक है ताकि भोजन के जरिए हमारे शरीर में पहुंचने वाले केमिकल्स को कम किया जा सके। सरकारों और उद्योगों को इस दिशा में जागरूकता फैलाने और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

यह शोध इस बात का एक और सबूत है कि आधुनिक जीवनशैली और औद्योगिक प्रक्रियाओं के कारण हमारा स्वास्थ्य कई अदृश्य खतरों से घिरा हुआ है। अब सवाल यह है कि इन खतरों को कम करने के लिए हम क्या कदम उठाते हैं। फूड पैकेजिंग में उपयोग होने वाले हानिकारक केमिकल्स पर कठोर नियम और उनके विकल्पों की खोज करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

यह अध्ययन यह दर्शाता है कि फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। इनमें से कई केमिकल्स को हमारे शरीर में प्रवेश करने और गंभीर बीमारियों को जन्म देने की क्षमता है, जो हमारी जीवनशैली और खाद्य सुरक्षा के मानकों पर सवाल खड़े करते हैं। अब समय आ गया है कि हम अपनी खाद्य सुरक्षा प्रणालियों को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। सरकारों, उद्योगों, और उपभोक्ताओं को इस खतरे के प्रति जागरूक होना पड़ेगा और एक साथ मिलकर ऐसे उपाय अपनाने होंगे जो इन हानिकारक केमिकल्स के उपयोग को कम कर सकें।

Source- down to earth

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