भारत में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि के बावजूद, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सामूहिक टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। यह कदम भारत में मंकीपॉक्स के खिलाफ तैयारियों और प्रबंधन पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है।
मंकीपॉक्स और टीकाकरण की स्थिति
एनसीडीसी के अनुसार, मंकीपॉक्स के खिलाफ दुनिया भर में तीन प्रमुख टीके विकसित किए गए हैं, जिनमें संशोधित वैक्सीनिया अंकारा-बीएन, जापान में स्वीकृत एलसी16-केएमबी, और रूस की ऑर्थोपॉक्सवैक शामिल हैं। हालांकि, इन टीकों को भारत में अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। एनसीडीसी का कहना है कि भारत में फिलहाल सामूहिक टीकाकरण की जरूरत नहीं है, और मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, टीकाकरण केवल उन लोगों के लिए सलाह दी गई है जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं।
कोरोना और मंकीपॉक्स के लिए अलग-अलग नियम
एनसीडीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोरोना महामारी और मंकीपॉक्स संक्रमण के लिए नियम अलग-अलग हैं। मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए विशेष प्रोटोकॉल पर ध्यान देना आवश्यक है, जिसमें होम आइसोलेशन से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में हल्के लक्षणों के प्रबंधन तक के दिशा-निर्देश शामिल हैं। एनसीडीसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि मंकीपॉक्स के लिए फिलहाल तीन लाइसेंस प्राप्त टीके उपलब्ध हैं, लेकिन भारत में इन्हें स्वीकृति नहीं मिली है।
प्रभावित देशों की यात्रा और सतर्कता
एनसीडीसी ने राज्यों को निर्देशित किया है कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा से लौटने वाले लोगों को कम से कम 21 दिनों तक सतर्क रहना चाहिए। वायरस के संपर्क में आने पर व्यक्ति को सामान्यतः बुखार होता है, जो एक से तीन दिन के भीतर शुरू हो सकता है और दो से चार हफ्ते तक रह सकता है। इसके अलावा, 24 घंटे के भीतर त्वचा पर चकत्ते फैलने की संभावना रहती है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की भी 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी।
मंकीपॉक्स की जांच और प्रयोगशाला सुविधाएं
भारत में मंकीपॉक्स संक्रमण की जांच के लिए 22 लैब सक्रिय हैं। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने तीन स्वदेशी जांच तकनीकों को भी अनुमति दी है, जिनकी मदद से किट तैयार की जा रही हैं। आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर ही मरीज को संक्रमित माना जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जांच की गुणवत्ता और सटीकता बनी रहे, जांच प्रक्रियाओं को लगातार अपडेट किया जा रहा है।
हेल्थकेयर वर्कर के लिए दिशानिर्देश
एनसीडीसी ने हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों को रक्तदान की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई हेल्थकेयर वर्कर संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है और उसमें गंभीर लक्षण नहीं हैं, तो उसे ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हुए 21 दिन तक निगरानी में रह सकते हैं।
भारत में मंकीपॉक्स के मामलों के बावजूद, एनसीडीसी का यह अलर्ट स्पष्ट करता है कि सामूहिक टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है और मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार टीकाकरण केवल उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने वालों के लिए सलाह दी गई है। इसके अलावा, मंकीपॉक्स के प्रभावी प्रबंधन के लिए सतर्कता, निगरानी, और विशेष प्रोटोकॉल पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
Source- amar ujala