भारत में ‘मिशन मौसम’: प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की नई पहल

saurabh pandey
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जलवायु परिवर्तन आज के समय की सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक बन चुका है। विशेषकर भारत जैसे विविध भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश में इसका प्रभाव अधिक गंभीर रूप से देखा जा रहा है। बाढ़, सूखा, और अन्य चरम मौसम घटनाएं न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि विकास की गति को भी धीमा कर रही हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य मौसम संबंधी घटनाओं का सटीक पूर्वानुमान लगाना और उनके प्रभावों को नियंत्रित करना है।

मौसम का सटीक पूर्वानुमान

मिशन मौसम के तहत, सरकार ने 2026 तक देशभर में 70 नए रडार, उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर, और अन्य उपकरण स्थापित करने की योजना बनाई है। इन उपकरणों के माध्यम से मौसम की गतिविधियों की बेहतर निगरानी की जाएगी, जिससे भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाना आसान होगा। यह तकनीक न केवल हमें मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी देगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश जैसी तकनीकों को भी विकसित करेगी।

क्लाउड चैंबर की स्थापना

इस मिशन का एक प्रमुख पहलू पुणे स्थित भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान में स्थापित विशेष क्लाउड चैंबर है। इस चैंबर में वैज्ञानिक कृत्रिम रूप से बादलों का निर्माण करेंगे और उन पर विभिन्न प्रयोग करेंगे। इससे वैज्ञानिकों को बादलों की प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी, जिससे वे जान सकेंगे कि किस प्रकार के बादलों को सीडिंग करके बारिश कराई जा सकती है। क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें बादलों में विशेष पदार्थ डालकर बारिश कराने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

मौजूदा स्थिति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा

हालांकि, भारतीय मौसम विभाग ने अभी तक देशभर में केवल 39 डॉपलर रडार लगाए हैं, जबकि चीन के पास 260 रडार और अमेरिका के पास 160 रडार हैं। मिशन मौसम का उद्देश्य इस तकनीकी अंतर को पाटना और भारत की मौसम निगरानी क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। यह किसानों को फसल चक्र की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा, जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन में सहायक होगा, और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करेगा।

किसानों के लिए संभावनाएँ

किसानों के लिए यह मिशन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें फसल की बुवाई और कटाई के लिए सही समय का निर्धारण करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, यह जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी सुधार लाएगा, जिससे सूखा और बाढ़ के समय में बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे।

‘मिशन मौसम’ भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाने की दिशा में काम करेगा, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा। तकनीकी उन्नति, जैसे कि नए रडार और क्लाउड सीडिंग, भारतीय किसानों और समुदायों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक होंगी।

Source- dainik jagran

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