मौसम विभाग: मानसून विदा, दक्षिणी राज्यों में उत्तर-पूर्वी मानसून ने दी दस्तक

saurabh pandey
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दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 15 अक्टूबर 2024 को पूरे भारत से विदाई ले ली है। इसके साथ ही, प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में उत्तर-पूर्वी मानसून ने प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून सीजन के दौरान 2020 के बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून का सफर

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मानसून 30 मई को केरल पहुंचा और 2 जुलाई तक पूरे देश में फैल गया। उत्तर-पश्चिम भारत से इसकी वापसी 23 सितंबर से शुरू हुई और 15 अक्टूबर को समाप्त हुई।

इस वर्ष मानसून ने औसत से 8% ज्यादा वर्षा की, खासकर अगस्त और सितंबर में। जहां जून और जुलाई में 2% अतिरिक्त बारिश हुई, वहीं अगस्त और सितंबर में सामान्य से 12% ज्यादा वर्षा दर्ज की गई।

क्षेत्रीय आंकड़े

  • मध्य भारत: सामान्य से 19.5% अधिक बारिश
  • प्रायद्वीपीय भारत: 14% अतिरिक्त वर्षा
  • उत्तर-पश्चिम भारत: 7% ज्यादा बारिश

हालांकि, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में अनुमान से 14% कम बारिश हुई। इसके विपरीत राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।

देशव्यापी वर्षा का आंकड़ा

  • मानसून के पूरे सीजन में 868.6 मिमी औसत बारिश के मुकाबले 934.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो मौसम विभाग के अनुसार पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों में महत्वपूर्ण वृद्धि है।
  • दक्षिण भारत में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित

दक्षिणी राज्यों में उत्तर-पूर्वी मानसून ने दस्तक देते ही कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी वर्षा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रमुख शहरों में बाढ़ और जलभराव की समस्या ने यातायात को ठप कर दिया है।

कर्नाटक में हालात गंभीर

कर्नाटक में लगातार हो रही बारिश से बेंगलुरु समेत कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। शहर के प्रमुख इलाकों जैसे वरथुर, हेब्बल और कडुबीसनहल्ली में सड़कें पानी में डूबी हैं। आउटर रिंग रोड और सरजापुर जैसे प्रौद्योगिकी हब भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

  • मान्यता टेक पार्क के पास नागवाड़ा फ्लाईओवर पर जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
  • राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने बताया कि हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
  • शहर के सभी स्कूलों को बुधवार को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

तमिलनाडु में भी कहर

तमिलनाडु के चेन्नई सहित अन्य हिस्सों में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। सड़कों और रिहायशी इलाकों में पानी घुटनों तक भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हुआ।

  • दक्षिण रेलवे ने चेन्नई सेंट्रल-मैसूर कावेरी एक्सप्रेस सहित चार ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
  • बारिश के कारण कई घरेलू उड़ानें भी रद्द करनी पड़ीं, क्योंकि जलभराव से यात्री हवाई अड्डों तक नहीं पहुंच सके।

मौसम विभाग की चेतावनी और तैयारी

अगले कुछ दिनों तक कर्नाटक और तमिलनाडु में बारिश जारी रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी है। बेंगलुरु में अतिरिक्त जलभराव से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पंपिंग स्टेशन सक्रिय कर दिए हैं।

दक्षिण भारत में बारिश का यह दौर उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण जारी रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून के असामान्य पैटर्न का असर जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकता है, जिससे भविष्य में ऐसी परिस्थितियों की संभावना बढ़ सकती है।

इस साल की अत्यधिक वर्षा और दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौसम के पैटर्न में बदलाव गंभीर रूप से प्रभाव डाल रहे हैं। आने वाले समय में सरकार और स्थानीय प्रशासन को जलवायु अनुकूलन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी पहले से की जा सके।

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