मैं स्त्री हूँ

prakritiwad.com
0 Min Read

मैं स्त्री हूँ
मुझे ऐसे ही जानो
पृथ्वी और मेरी तुलना नही है

प्रगति के नाम पृथ्वी का
चीरहरण करने वाले
मुझे तुम्हारी नज़रों से भी परहेज है

दबी आवाज़ में रोती है स्त्री
घर बच जाता है
पृथ्वी धैर्य का पर्याय है
बच जायेगी दुनिया?

अनुराधा मैन्दोला

prakritiwad.com

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *