उत्तराखंड में वरुणावत पर्वत पर जारी भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों को संकट में डाल दिया है। हाल ही में, पर्वत की तलहटी में उभरे नए भूस्खलन क्षेत्र में भूस्खलन का सिलसिला अभी भी जारी है। पहाड़ी से लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। शुक्रवार सुबह भी हल्का भूस्खलन हुआ, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
प्रशासन की कार्रवाई
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने मस्जिद मोहल्ला और गोफियारा के बीच स्थित 50 परिवारों को अपने भवन खाली करने का नोटिस जारी किया है। इनमें से 35 परिवारों को शुक्रवार को नोटिस देकर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने इन परिवारों को भूस्खलन रुकने या क्षेत्र का उपचार होने तक किराए पर रहने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
भूस्खलन की वजह और प्रभाव
27 अगस्त की रात अत्यधिक वर्षा के कारण वरुणावत के पूर्वी क्षेत्र में गोफियारा के पास भूस्खलन हुआ। इसके परिणामस्वरूप वरुणावत की तलहटी में स्थित मस्जिद मोहल्ला और गोफियारा कॉलोनी में भारी मात्रा में पत्थर और मलबा गिरने लगा। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और गोफियारा कॉलोनी की सड़कों पर खड़े एक दर्जन से अधिक दोपहिया और चार पहिया वाहन मलबे में दब गए हैं।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
भूस्खलन की घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन और प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई की। घटना की रात ही 50 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। इसके अगले दिन जिलाधिकारी ने भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की, जिसने स्थिति का मूल्यांकन किया। गुरुवार को आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने भी भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया।
वरुणावत पर्वत पर जारी भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है। प्रशासन ने तुरंत कदम उठाते हुए प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया है और उन्हें किराए पर रहने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इस संकट से निपटने के लिए शासन और प्रशासन की सक्रियता से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।