वाराणसी, कार्यालय संवाददाता
काशी को हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) बनाने का जिम्मा शहर के अधिवक्ता राजेश सिंह कुशवाहा ने उठाया है। 24 सालों में उन्होंने 20 हजार से अधिक पौधे रोपित किए और उनकी देखभाल भी स्वयं की। उनकी इस पहल को व्यापक प्रोत्साहन मिला है, जिससे स्थानीय युवाओं और बच्चों में भी पर्यावरण संरक्षण की भावना बढ़ी है। राजेश सिंह कुशवाहा का कहना है कि उन्होंने इस अभियान की शुरुआत साल 2000 में की थी। तब से लेकर अब तक वे लगातार पौधे रोप रहे हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं। उनका मकसद है कि काशी का हर कोना हरियाली से भर जाए।
पुलवामा के शहीदों के नाम हर साल लगाते हैं पौधे
राजेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि पुलवामा हमले में शहीद जवानों के नाम पर हर साल हम लोग 40 पौधे लगाते हैं। लोगों के जन्मदिन को खास बनाने के लिए उनके पौधे लगवाए जाते हैं। किसी की मृत्यु हो जाने पर उनके परिजनों से उनके नाम पर पौधा लगवाते हैं। राजेश सिंह बताते हैं कि उनकी संस्था का संकल्प है कि किसी भी ग्रीन बेल्ट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए व्यापक जनसहभागिता जरूरी है। इस अभियान के तहत साल 2020 में 4000 पौधे, 2021 में 4500 और 2022 में 5000 पौधे लगाए गए। इस साल भी 54 नए पौधे लगाए गए हैं और निरंतर प्रयास जारी हैं।
राजेश सिंह कुशवाहा का मानना है कि पेड़ों से न केवल पर्यावरण शुद्ध होता है, बल्कि यह जीवनदायिनी भी हैं। उनके इस अभियान को अब और भी लोग समर्थन दे रहे हैं और काशी को हरा-भरा बनाने के इस कार्य में शामिल हो रहे हैं। राजेश सिंह कुशवाहा का मानना है कि यदि हम सभी मिलकर अपने आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा बनाएं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहें, तो हम अपने शहर और समाज को एक बेहतर जगह बना सकते हैं। उनका यह प्रयास हम सभी के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे छोटे-छोटे कदमों से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
काशी के इस हरित योद्धा ने न केवल शहर को हरियाली से भरने का बीड़ा उठाया है, बल्कि समाज को पर्यावरण संरक्षण के महत्व से भी अवगत कराया है। उनके इस प्रयास को सलाम।