जंगल की आग बुझाने का रवैया उदासीन, मुख्य सचिव हाजिर हों।

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नई दिल्ली। जंगल में लगी आग नियंत्रित करने के उत्तराखंड सरकार के रवैये को उदासीन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को 17 मई को स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही, वन विभाग के धन के उपयोग व नियुक्तियों का भी ब्योरा मांगा है। शीर्ष कोर्ट ने इसे अत्यंत खेदजनक स्थिति करार देते हुए कहा कि राज्य बस कोई न कोई बहाना ढूंढने की कोशिश कर रहा है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एसवीएन भट्टी व जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने राज्य से पूछा, आपने आग की घटनाओं के बीच जंगल के अग्निशमन कर्मियों को चुनावी ड्यूटी पर क्यों लगाया कोशिश कर रहा है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एसवीएन भट्टी व जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने राज्य से पूछा, आपने आग की घटनाओं के बीच जंगल के अग्निशमन कर्मियों को चुनावी ड्यूटी पर क्यों लगाया आप केवल बहाने बना रहे हैं। शीर्ष कोर्ट की तरफ से नियुक्त न्याय मित्र वकील परमेश्वर ने कहा, इस बारे में राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान बना हुआ है, लेकिन समय पर कार्रवाई न हो तो योजना का क्या फायदा। कोर्ट ने यह भी कहा कि सेटेलाइट तस्वीरों में भी आग दिख रही है। इस पर सरकार ने कहा, केंद्र को शामिल करते हुए समिति बना दी जाए। शीर्ष कोर्ट जंगलों में भड़की आग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी|

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