जलाशयों का 23 फीसदी तक गिरा जलस्तर

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नई दिल्ली। देश के 150 मुख्य जलाशयों का जल स्तर 23 प्रतिशत तक गिर गया है, जबकि चौथे साल इसी वक्त जलस्तर से यह 77 प्रतिशत कम है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह, इन जलाशयों का लाइव स्टोरेज 24 प्रतिशत था। आयोग ने कहा है कि कुल उपलब्ध लाइव जल संग्रहण 41.705 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो कुल क्षमता का 23 प्रतिशत है।

मुख्य तथ्य:

देश के 150 मुख्य जलाशयों का जल स्तर 23 प्रतिशत तक गिर गया है, जबकि पिछले साल इसी समय जल स्तर से यह 77 प्रतिशत कम है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह इन जलाशयों का लाइव स्टोरेज 24 प्रतिशत था।

कुल उपलब्ध लाइव जल संग्रहण 41.705 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो कुल क्षमता का 23 प्रतिशत है।

क्षेत्रीय विश्लेषण:

150 जलाशयों में से 10 उत्तरी क्षेत्र यानी हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में हैं।

इनकी जल संग्रहण क्षमता 19.663 बीसीएम है।

समय अवधि:

16 से 31 मई के सप्ताह के लिए सीडब्ल्यूसी बुलेटिन के अनुसार यह घटकर 5.864 बीसीएम (कुल क्षमता का 30 प्रतिशत) हो गई है।

पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान संग्रहण 38 प्रतिशत था। वर्ष के इस समय सामान्य संग्रहण 31 प्रतिशत है।

अन्य नदियों में संग्रहण:

गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र और बर्णाली, नर्मदा, तापी और साबरमती जैसी नदियों में बेहतर जल संग्रहण मौजूद है।

वहीं, सुवर्णरेखा, बर्हाक, माही, गोदावरी, महानदी, तुंगभद्रा, लूनी सहित अन्य नदियों में संग्रहण कम है।

यह रिपोर्ट जलाशयों के घटते जल स्तर और नदियों में असमान जल संग्रहण पर चिंता प्रकट करती है।

चिंताजनक: पिछले साल के मुकाबले जलस्तर 77 फीसदी कम

आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 53.832 बीसीएम और सामान्य संग्रहण स्तर 44.511 बीसीएम से बहुत कम है। सीडब्ल्यूसी की निगरानी वाले देश के 150 मुख्य जलाशयों की सम्मिलित जल संग्रहण क्षमता 178.784 बीसीएम है। यह देश में निर्मित कुल संग्रहण क्षमता का लगभग 69.35 प्रतिशत है।

150 जलाशयों में से 10 उत्तरी क्षेत्र यानी हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में हैं। इनकी जल संग्रहण क्षमता 19.663 बीसीएम है। 16 से 31 मई के सप्ताह के लिए सीडब्ल्यूसी बुलेटिन के अनुसार यह घटकर 5.864 बीसीएम (कुल क्षमता का 30 प्रतिशत) हो गई है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान संग्रहण 38 प्रतिशत था। वर्ष के इस समय सामान्य संग्रहण 31 प्रतिशत है।

कई बड़ी नदियों में बेहतर जल संग्रहण

एक तरफ देश के महत्वपूर्ण जलाशयों में जलस्तर गिर रहा है, वहीं गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र और बर्णाली, नर्मदा, तापी और साबरमती जैसी नदियों में बेहतर जल संग्रहण मौजूद है। वहीं, सुवर्णरेखा, बर्हाक, माही, गोदावरी, महानदी, तुंगभद्रा, लूनी सहित कुछ अन्य नदियों की प्रणाली की ओर बहने वाली नदियों, तापी से ताड़ी तक प्रणाली की ओर बहने वाली नदियों और ताड़ी से कृष्णापुरम तक प्रणाली की ओर बहने वाली नदियों में जल स्तर सामान्य के करीब है।

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