बढ़ते ब्रेन स्ट्रोक: वायु प्रदूषण और गर्मी के बढ़ते खतरे

saurabh pandey
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हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने दुनिया को एक गंभीर चेतावनी दी है—ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित लोगों की संख्या 1.19 करोड़ तक पहुँच गई है। यह आंकड़ा विशेष रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि यह 1990 की तुलना में 70% अधिक है। वायु प्रदूषण, उच्च तापमान, उच्च रक्तचाप और शारीरिक निष्क्रियता जैसे कारक इसके लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।

लैंसेट में प्रकाशित इस अध्ययन ने वायु प्रदूषण को ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख कारणों में से एक बताया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि स्ट्रोक के कारण होने वाली असमय मृत्यु की घटनाओं में अत्यधिक गर्मी की भूमिका पिछले तीन दशकों में 72% बढ़ गई है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम इन खतरों से निपटने के लिए गंभीरता से उपाय करें।

स्ट्रोक के बढ़ते मामलों का विश्लेषण

स्ट्रोक से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे इस्केमिक हृदय रोग और तंत्रिका संबंधी समस्याएं, कोविड-19 के बाद मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण बन गई हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि लगभग तीन-चौथाई स्ट्रोक के मामलों में प्रभावित लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। यह दर्शाता है कि आर्थिक और सामाजिक कारक भी इस समस्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

खान-पान और जीवनशैली में सुधार

शोध में यह भी पाया गया कि आहार में सुधार, जैसे कम प्रोसेस्ड मीट और अधिक हरी सब्जियाँ खाने से स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। अध्ययन के अनुसार, स्वस्थ खान-पान की आदतों से स्ट्रोक के मामलों को कम करने में 40% तक की कमी लाई जा सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान और वायु प्रदूषण, दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी (जीबीडी) के शोधकर्ताओं ने पहली बार यह पाया है कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क रक्तस्राव के लिए धूम्रपान जितना ही घातक है।

ब्रेन स्ट्रोक की बढ़ती संख्या हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह समय है कि हम अपनी जीवनशैली में सुधार करें, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएँ और खान-पान पर ध्यान दें। व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रयासों के माध्यम से हम इस बढ़ते खतरे को नियंत्रित कर सकते हैं। हमारे स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता और शिक्षा अत्यंत आवश्यक है।

सही जानकारी और सक्रिय प्रयासों के माध्यम से हम स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर सकते हैं। यह अध्ययन हमें एक सशक्त संदेश देता है कि हम अपनी सेहत के प्रति सजग रहें और इसके सुधार के लिए प्रयासरत रहें।

ब्रेन स्ट्रोक की बढ़ती संख्या एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है, जो वायु प्रदूषण, उच्च तापमान, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण उत्पन्न हो रही है। यह अध्ययन हमें स्पष्ट रूप से दिखाता है कि हमें अपने खान-पान, शारीरिक सक्रियता, और पर्यावरण की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ सामुदायिक प्रयास भी आवश्यक हैं, ताकि हम इस खतरे को नियंत्रित कर सकें।

स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यदि हम सामूहिक रूप से स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, तो हम न केवल स्ट्रोक के मामलों में कमी ला सकते हैं, बल्कि अपने जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकते हैं। यह समय है कि हम जागरूकता फैलाएँ और स्वस्थ आदतों को अपनाएँ, ताकि हम अपने और अपने समुदाय के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।

Source- amar ujala

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