वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा में एक अद्वितीय हाइपरवेलोसिटी वस्तु की खोज की है जो अंतरिक्ष की दूसरी दुनिया में अत्यधिक तेज गति से यात्रा कर रही है। यह वस्तु, जो लाल और पीले रंग के धुंधले गोले के रूप में देखी जा रही है, हर सेकंड 447 किलोमीटर से अधिक की गति से यात्रा कर रही है। यह अत्यधिक गति और अद्वितीय विशेषताओं के कारण वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित कर रही है।
यह खोज नासा के बैकयार्ड वर्ल्ड्स: प्लैनेट 9 प्रोजेक्ट के तहत की गई है, जो एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें नागरिक वैज्ञानिक नासा के मिशन की तस्वीरों का अध्ययन करके अंतरिक्ष में नई चीजों की खोज करते हैं। बैकयार्ड वर्ल्ड्स प्रोजेक्ट ने वर्षों से अंतरिक्ष में अनुसंधान किया है और इस खोज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, हाइपरवेलोसिटी वस्तु का द्रव्यमान एक छोटे तारे के सिरे के बराबर है, लेकिन इसके केंद्र में हाइड्रोजन का कोई संकेत नहीं है, जिससे इसे भूरा बौना तारा भी नहीं माना जा सकता। इस वस्तु की खोज से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह हमारी आकाशगंगा के निर्माण के समय का एक हिस्सा हो सकती है। इस हाइपरवेलोसिटी वस्तु में अन्य तारों की तुलना में कम धातुएं पाई जाती हैं, और यह भी संभव है कि यह किसी सुपरनोवा के विस्फोट के बाद निकली हो, जिसने बहुत सारे पदार्थ को अपने साथ लिया।
बैकयार्ड वर्ल्ड्स प्रोजेक्ट के 9 स्वयंसेवकों ने मिलकर 4000 से अधिक भूरे बौने तारों की खोज की है, जो संभवतः हमारी आकाशगंगा के निर्माण के समय के हो सकते हैं। इस परियोजना के तहत 2009 से 2011 तक इन्फ्रारेड मैप बनाए गए थे, जिन्हें NEOWISE मिशन के तहत फिर से लॉन्च किया गया।
कुछ साल पहले बैकयार्ड वर्ल्ड्स के नागरिक वैज्ञानिक मार्टिन कबाटनिक, थॉमस पी. बिकेल और डैन केसेल्डन ने इस तेज़ गति वाली हाइपरवेलोसिटी वस्तु की खोज की थी, जिसे CWICE J124909.08+362116.0 नाम दिया गया। इसके बाद इस वस्तु की जांच धरती पर स्थित दूरबीनों से की गई। कबाटनिक ने कहा कि इस खोज के समय हमारी उत्सुकता अलग स्तर पर थी, और अब यह वस्तु आकाशगंगा से बाहर निकल रही है। इसका द्रव्यमान बहुत कम है, लेकिन इसकी गति और विशेषताएँ इसे एक महत्वपूर्ण खोज बनाती हैं।
इस खोज के माध्यम से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में वस्तुओं की गति और उनके निर्माण के बारे में नई जानकारियाँ प्राप्त कर रहे हैं, जो भविष्य के अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
हाल की खोजों ने हमारे आकाशगंगा के भीतर एक अनूठी हाइपरवेलोसिटी वस्तु की पहचान की है, जो 447 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा कर रही है। यह खोज नासा के बैकयार्ड वर्ल्ड्स: प्लैनेट 9 प्रोजेक्ट के तहत की गई है, जो नागरिक वैज्ञानिकों द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण अनुसंधान पहल है। इस वस्तु के केंद्र में हाइड्रोजन की कमी और इसके अत्यधिक गति के कारण वैज्ञानिकों को यह विश्वास हो रहा है कि यह हमारी आकाशगंगा के निर्माण के समय की हो सकती है और संभवतः किसी सुपरनोवा विस्फोट से उत्पन्न हुई है।
यह खोज न केवल आकाशगंगा के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को समझने में सहायक होगी, बल्कि अंतरिक्ष में वस्तुओं के द्रव्यमान और गति के संबंध में नई जानकारियाँ भी प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, यह खोज वैज्ञानिकों को भविष्य के अंतरिक्ष अनुसंधान में नई दिशाएँ खोजने में मदद करेगी, और आकाशगंगा के भीतर वस्तुओं की गतिशीलता को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
source- अमर उजाला