तूफान ‘दाना’ का कहर: तटीय इलाकों में अलर्ट, स्कूल बंद, 250 राहत शिविर तैयार

saurabh pandey
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चक्रवाती तूफान दाना के बढ़ते खतरे को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने संवेदनशील इलाकों को खाली कराने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य तेज कर दिया है। एहतियात के तौर पर दोनों राज्यों में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, तटरक्षक बलों को भी उच्चतम अलर्ट पर रखा गया है। चक्रवात के प्रभाव को देखते हुए भारतीय रेलवे ने 150 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी हैं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 24 अक्टूबर की रात या 25 अक्टूबर की सुबह पुरी और सागर द्वीप के बीच चक्रवात के तट से टकराने की संभावना है।

तटरक्षक बल हाई अलर्ट पर

तूफान के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल ने अपने जहाज और विमान संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिए हैं। मौसम विभाग ने तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और तटीय गांवों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं।

150 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात दाना के कारण हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस, और हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस सहित 150 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। ये ट्रेनें 23 से 25 अक्टूबर के बीच प्रस्थान करने वाली थीं। रेलवे ने स्थिति बिगड़ने पर और ट्रेनें रद्द करने की संभावना जताई है।

राहत शिविर तैयार, आपदा प्रबंधन सक्रिय

ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने तटीय इलाकों में 250 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आपदा प्रबंधन बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। ओडिशा के मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

कर्नाटक में भारी बारिश का कहर

इस बीच, कर्नाटक में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। बेंगलुरु के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, और हादसों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।

तूफान दाना के चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सरकारें पूरी सतर्कता के साथ स्थिति का सामना कर रही हैं, लेकिन चक्रवात के संभावित प्रकोप से निपटने के लिए नागरिकों का सहयोग भी बेहद जरूरी है। राहत शिविर और बचाव कार्यों के बीच उम्मीद है कि समय पर उठाए गए कदम जान-माल की क्षति को कम कर सकेंगे।

चक्रवाती तूफान दाना से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में व्यापक खतरे की संभावना है, जिसके चलते प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए संवेदनशील क्षेत्रों को खाली कराने, 250 राहत शिविर तैयार करने और स्कूलों को बंद करने जैसे कदम उठाए हैं। रेलवे ने 150 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है, और तटरक्षक बल हाई अलर्ट पर है। सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन नागरिकों का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

कर्नाटक में भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिससे जनहानि भी हुई है। इस तरह के संकट जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रेखांकित करते हैं, जिनसे निपटने के लिए सतर्कता और तैयारी दोनों आवश्यक हैं। समय रहते उठाए गए ये कदम जनधन की हानि को सीमित कर सकते हैं और आपदाओं से निपटने के लिए एक मजबूत प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं।

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